Tuesday - 29 October 2024 - 1:20 PM

4 राज्यों में आगे चल रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप लेकिन जीत के करीब जो बाइडन

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव की मतगणना जारी है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। अभी तक के आंकड़ों को देखा जाए तो जो बाइडन ने बड़ी बढ़त बना रखी है। अब वो इलेक्टोरल वोट के बहुमत से सिर्फ 6 वोट ही दूर हैं।

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बता दें कि बहुमत के लिए 270 वोट की जरूरत है और जो बाइडन के पास 264 इलेक्टोरल वोट हैं और वो 6 वोट वाले नेवेदा में ट्रंप से आग चल रहे हैं। वहीँ, ट्रम्प को अभी तक 214 वोट मिले हैं और बहुमत के लिए उन्हें 56 वोट की जरूरत है।

  • पेंसिलवेनिया – 20 वोट – डोनाल्ड ट्रंप आगे
  • नॉर्थ कैरोलिना – 15 वोट – डोनाल्ड ट्रंप आगे
  • जॉर्जिया – 16 वोट – डोनाल्ड ट्रंप आगे
  • अलास्का – 3 वोट – डोनाल्ड ट्रंप आगे
  • नेवादा – 6 वोट – जो बाइडेन आगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भी चार राज्यों जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिलवेनिया और अलास्‍का में आगे चल रहे हैं। अगर इन राज्‍यों में टंप जीत जाते हैं तो उनके 268 वोट हो जाएंगे। तब नेवेदा के 6 वोट अहम हो जाएंगे। जहां जो बाइडन आगे चल रहे हैं।

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दूसरी ओर डोनाल्‍ड ट्रंप ने मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की नौबत आ गई है। इस बीच नतीजों को लेकर हिंसा की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के पुख्‍ता बंदोबस्‍त किए गए हैं। व्हाइट हाउस समेत प्रमुख वाणिज्य क्षेत्रों और बाजारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के ‘समोसा कॉकस’ के चारों सांसदों को प्रतिनिधि सभा के लिए दोबारा चुन लिया गया है। जिन भारतवंशियों पर अमेरिकी जनता ने एक बार फिर से विश्वास जताया है, उनमें एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति शामिल हैं। बता दें कि चुनाव से पहले राजा कृष्णमूर्ति ने पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनने वाले मौजूदा सांसदों को ‘समोसा कॉकस’ की उपाधि दी थी। इस समूह में कमला हैरिस भी शामिल थीं। हालांकि इस बार के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है।

प्रतिनिधि सभा के भारतीय अमेरिकी सदस्य। (फाइल फोटो)

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में यह पहली बार है जब भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। अमेरिका में लगभग 40 लाख भारतीय-अमेरिकी समुदाय है, जिसमें से 25 लाख मतदाता हैं। फ्लोरिडा, जॉर्जिया, मिशिगन, नार्थ कैरोलिना, पेंसिलवेनिया और टेक्सास जैसे कांटे के मुकाबले वाले प्रांतों में भारतीय-अमेरिकी मतदाता प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से चुनाव जीतने वालों में डॉ. हीरल तिपिरनेनी का नाम भी जुड़ सकता है। वह एरिजोना में रिपब्लिकन उम्मीदवार डेविड श्वेकिर्ट से आगे चल रही हैं। 55 वर्षीय प्रमिला जयपाल भारतीय मूल की पहली अमेरिकी महिला थीं, जिन्हें वर्ष 2016 में प्रतिनिधि सभा के लिए चुना गया था। 47 वर्षीय राजा कृष्णमूर्ति ने लिबर्टेरियन पार्टी के प्रेस्टन नेल्सन को आसानी से हरा दिया। उन्हें लगभग 71 फीसद वोट मिले। 44 वर्षीय रो खन्ना ने भारतीय मूल के रीतेश टंडन को हराया। रो खन्ना लगातार तीसरी बार जीते हैं।

समोसा कॉकस के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. एमी बेरा ने लगातार पांचवी बार जीत दर्ज की है। इनके अलावा भारतीय मूल के प्रेस्टन कुलकर्णी रिपब्लिक प्रत्याशी ट्रॉय नेल्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। कुछ भारतीय मूल के प्रत्याशियों को रिपब्लिकन पार्टी ने भी टिकट दिया था, लेकिन उनमें से कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका है। रिपब्लिकन मंगा अनंतमुला डेमोक्रेटिक प्रत्याशी गेरी कोनोली से हार गए हैं। पहली बार भाग्य आजमा रहीं रिपब्लिकन निशा शर्मा को भी हार का सामना करना पड़ा है।

डेमोक्रेट्स की ओर से उम्मीदवार राजा कृष्णमूर्ति

डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य जेनिफर राजकुमार ऐसी पहली दक्षिण एशियाई महिला बन गई हैं, जिन्हें न्यूयॉर्क प्रांत की विधायिका के लिए चुना गया है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं जेनिफर ने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी गियोवेनी परना को हराया। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानूनी डिग्री की हासिल करने वाली जेनिफर प्रांतीय विधायिका में न्यूयॉर्क सिटी का प्रतिनिधित्व करेंगी। उधर, ओहियो की प्रांतीय विधायिका के लिए भारतीय-अमेरिकी नीरज अंतनी को चुना गया है।

इसके अलावा एलजीबीटी+ उम्मीदवारों ने 2020 के अमेरिकी चुनाव में कई सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है। इस बार चुनावों में रिकॉर्ड संख्या में खड़े हुए 574 एलजीबीटी+ उम्मीदवारों में से कम से कम 35 के प्रारंभिक नतीजों में जीत हासिल करने की खबर है।

US Wahl 2020 Sarah McBride (Jason Minto/AP Photo/picture alliance)

जीतने वालों में 30 साल की ट्रांसजेंडर सारा मैकब्राइड हैं,जो डेलावेयर में प्रांतीय सीनेट में सीट पाने वाली सबसे हाई प्रोफाइल ट्रांसजेंडर राजनीतिज्ञ बन गई हैं। उनके अलावा एफ्रो-लैटिनो समलैंगिक रिची टॉरेस और अश्वेत समलैंगिक मॉन्डेयर जोन्स अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा के सदस्य चुने जाने वाले पहले समलैंगिक नेता बन गए हैं।

 

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