जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस भले ही अब कमजोर पड़ गया हो लेकिन कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक रही है। इस दौरान भारत में खूब तबाही देखने को मिली। इतना ही नहीं लोग ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से भी दम तोड़ते नजर आये हैं।
अगर बात की जाये तो कोरोना से मरने वाले तो इसको लेकर अमेरिका के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े में बताया गया है कि भारत में जून 2021 तक कोरोना वायरस से मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 4 लाख तक पहुंचा गया है।
इसके साथ ही सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि भारत में कोरोना की वजह से 49 लाख मौतें होने की आशंका भी जाहिर की है।
इस स्टडी में हालात बेहत खराब बताये गए है। स्टडी में दावा किया जा रहा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।
अब सवाल उठता है कि ये स्टडी किस दावे की गई है। इस पर सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने कहा है कि उसने जो आंकड़े बयां किया है वो सीरो सर्वे, हाउसहोल्ड डेटा और ऑफिशियल डेटा पर आधारित है। हालांकि कम मौतों की अब भी इशारा कर रही है।
स्टडी में बताया गया है कि कोरोना की पहली लहर भारत में ज्यादा खतरनाक थी लेकिन डेथ रेट कम था। हालांकि पहली लहर में 20 लाख मौतों के होने की बात कही जा रही है।
स्टडी का क्या है तीन अनुमान
1 एक अनुमान में 49 लाख से ज्यादा मौतें होने की बात कही जा रही है। अब सवाल यह किस आधार कही गई है। दरअसल कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे पर के आधार पर 49 लाख से ज्यादा मौतें की आशंका जतायी गई है।
2 दूसरा अनुमान काफी रोचक है। इस अनुमान का आधार है है मौतों का रजिस्ट्रेशन। इस आधार पर 34 लाख मौतें होने की आशंका बतायी गई है। हालांकि इसमें केवल सात राज्यों का आंकड़ा ही शामिल है।
3 तीसरा अनुमान सीरो सर्वे और एज-स्पेसिफिक इन्फेक्शन फैटेलिटी रेट पर आधारित है। इसका अनुमान काफी खतरनाक है और कहा गया है कि 40 लाख मौतें होने की आशंका जतायी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि पहली लहर में 15 लाख तो दूसरी लहर में 24 लाख मौतें होने का अनुमान है।
इसके आलावा स्टडी में कहा गया है कि वास्तविक मौतों की संख्या हजारों में नहीं बल्कि लाखों में हो सकती है। इसमें सबसे अहम बात यह कही गई ये जो मौते हुई है वो शायद आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।