न्यूज़ डेस्क
श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्रा सिल्वा की एंट्री पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। उन पर यात्रा, आर्थिक मामलों समेत कई तरह के प्रतिबंध लागू होंगे। सिल्वा को 2009 में जाफना प्रायद्वीप में सैन्य कार्रवाई के दौरान गैरकानूनी तरीके से लोगों को मारने और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिम्मेदार माना गया है।
इस मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि वह श्रीलंका के गृहयुद्ध के अंतिम खूनी दौर में मानवाधिकार उल्लंघन के ‘भरोसेमंद’ सबूतों को लेकर श्रीलंका के सेना प्रमुख को अमेरिका नहीं आने देगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्र सिल्वा अमेरिका में आने के पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा उनके परिवार को भी अमेरिका में नहीं आने दिया जाएगा। गौरतलब है कि श्रीलंका के सेना प्रमुख शावेंद्र सिल्वा को पिछले साल नियुक्त किया गया था। तब उनकी नियुक्ति को लेकर पूरी दुनिया में आलोचना की गयी थी।
US imposes sanctions on Sri Lankan Army Chief over human rights violations during civil war
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— ANI Digital (@ani_digital) February 14, 2020
पोम्पिओ ने कहा, ‘शावेंद्र सिल्वा के खिलाफ गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे हुए हैं। इन आरोपों पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गयी है, वे बेहद गंभीर और भरोसेमंद हैं।’
उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका सरकार से मानवाधिकार का संवर्धन करने की, युद्ध अपराधों एवं मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराने, सुरक्षा क्षेत्र के सुधार को आगे बढ़ाने, न्याय एवं सुलह के प्रति अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने की अपील करते हैं।’
ये है आरोप
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 2013 में पारित प्रस्ताव में शावेंद्र सिल्वा का नाम है। इसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उनके नेतृत्व वाली सैन्य टुकड़ी ने मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया और नागरिकों की हत्याएं कीं।
हालांकि, श्रीलंका सेना ने इन आरोपों का खंडन किया है। वैसे सिल्वा 2009 के इस गृहयुद्ध के बाद न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में श्रीलंका के उप स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई के आखिरी महीने में ही 45 हजार निर्दोष तमिल नागरिक मारे गए थे।