जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी ) का पेपर 28 नवम्बर को लीक हुआ था। इसके बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पेपर लीक होने की बात सामने आने के बाद प्रदेशभर में परीक्षा रद्द करने का फैसला किया गया था ।
अब इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि पेपर लीक करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करें।
इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिव परीक्षा नियामक सस्पेंड कर दिया है और उनपर गोपनीयता बरकरार न रख पाने का है आरोप है। इस मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय पर गाज गिरी है। निलंबन अवधि में वह बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय लखनऊ से संबद्ध रहेंगे।
बता एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता कर कहा था कि अगले एक महीने में दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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इससे पहले सीएम योगी ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए कहा था कि हमारे नौजवान बहनों-भाइयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। आप सबको हुई असुविधा के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा जरूर मिलेगी।
आपकी सरकार शुचितापूर्वक एवं पारदर्शी तरीके से परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए कृतसंकल्पित है। सीएम योगी ने दूसरे ट्वीट में कहा है कि UPTET के अभ्यर्थियों के साथ प्रदेश सरकार खड़ी है।
01 माह के अंदर पारदर्शी तरीके से पुनः परीक्षा आयोजित होगी। किसी भी अभ्यर्थी से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को आने-जाने हेतु @UPSRTCHQ की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।
कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया के व्हाट्सऐप पर पेपर लीक करने की बात सामने आ रही है। इसके बाद गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा में व्हाट्सएप ग्रुप पर एग्जाम का पेपर वायरल हुआ था, इसके बाद फौरन परीक्षा को रद्द का बड़ा कदम उठाया गया है।
इस पूरे मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की जा रही है और मेरठ से एसटीएफ ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में लखनऊ से 4, शामली से 3, अयोध्या से 2, कौशांबी से 1, प्रयागराज से 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।