न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लॉकडाउन के बीच धीरे- धीरे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को शुरू करने की कवायद हो रही है। ऐसे में यूपी स्टेट रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने यात्रियों के साथ- साथ कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है।
यूपीएसआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर राज शेखर ने अधिकारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल पर एक वीडियो बनाने और इसे विभाग के सभी कर्मचारियों के बीच प्रसारित करने के लिए कहा है।
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उत्तर प्रदेश में ट्रेन से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए औसतन करीब 2,000 बसों का इस्तेमाल प्रतिदिन किया जा रहा है। बसें उन्हें अपने गंतव्य तक ले जाती हैं। प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों के परिवहन व्यवस्था में करीब 10000 यूपीएसआरटीसी कर्मचारी काम में लगे हैं।
राज शेखर ने कहा सभी बसों का 100 प्रतिशत सैनिटाइजेशन, ड्राइवर और कंडक्टर के लिए मास्क, दस्ताने और यात्रियों के लिए हैंड सैनिटाइजर जैसे आवश्यक एहतियाती उपाय अत्यंत आवश्यक हैं, जिनका ध्यान रखा जाता है।
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उन्होंने आगे कहा कि ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने के दौरान सभी कर्मचारियों की हर दिन थर्मल गन से जांच की जाती है। यूपीएसआरटीसी ने एक महीने की अवधि के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा वस्तुओं का स्टॉक खरीदा है। एमडी ने तीन महीने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट खरीदने का निर्देश दिया है।
सूत्रों ने कहा कि परिवहन प्रणाली के क्रियाशील होने पर हर छह घंटे में सभी बसों को सैनिटाइज करने का निर्णय लिया गया है। यूपीएसआरटीसी ने एक नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किया है और यूपीएसआरटीसी मुख्यालय में निगरानी और इसे सुनिश्चित करने के लिए महाप्रबंधक रैंक के एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है।
बसों के सुरक्षित संचालन के लिए परिवहन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। अधिकारियों का कहना है सरकार की अनुमति मिलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सुरक्षित सफर के लिए तैयारी की गयी है।
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सुरक्षित सफर के लिए जारी गाइडलाइन
सभी बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज करके ही चलाया जाएगा। हर 6 घंटे में एक बार बस स्टेशनों की सफाई और सैनिटाइजेशन होगा। पैसेंजर्स का तापमान मापने के लिए बड़े बस अड्डों पर हैवी ड्यूटी ऑटोमैटिक ऑटोमैटिक थर्मल सेंसर लगाया जाएगा। बसों और बस अड्डों के अंदर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। पैसेंजर्स के लिए नो मास्क-नो ट्रैवल पॉलिसी लागू होगी।
ड्राइवर और कंडक्टर की सुरक्षा
सभी ड्राइवर, कंडक्टर और बस स्टेशन के कर्मचारी मास्क, हैंड सैनिटाइजर और दस्ताने का प्रयोग करेंगे। सभी बस अड्डों पर कोविड टास्क फोर्स की तैनाती होगी। हर टीम में पांच सदस्य होंगे। हर बस अड्डे पर यह फोर्स तैनात होगी। इसका मुख्य कार्य बस अड्डों पर सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था को बनाए रखना होगा। कैमरा युक्त टेम्परेचर सेंसर आधारित प्रवेश द्वार का उपयोग सभी कार्यालयों में किया जाएगा।
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