जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते सूबे में एक नये ब्रांड के तौर पर उभर रहा गुड़ न सिर्फ राज्य को वैश्विक स्तर पर एक नयी पहचान दिलायेगा बल्कि गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में सहायक होगा।
योगी ने लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय ‘राज्य गुड़ महोत्सव 2021’ का शुभारम्भ करते हुये कहा कि प्रदेश के 60 लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के प्रयासों से आज राज्य गुड महोत्सव एक नई ऊंचाइयों को छूता हुआ दिखाई दे रहा है।
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स्थानीय उत्पाद को मार्केट मिले उसकी ब्रांडिंग हो सके और वह देश और दुनिया में उत्पाद जाकर के किसान को अधिक से अधिक लाभकारी मूल्य दे सकें, इस उद्देश्य से यह कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के गुणकारी गुड़ की मिठास को देश-दुनिया में मिले नई पहचान, गन्ना किसानों का हो उत्थान…इसी उद्देश्य के साथ ‘राज्य गुड़ महोत्सव’ का शुभारंभ… https://t.co/6OOXPN8MGh
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 6, 2021
उन्होंने कहा हमारे बचपन में चीनी का दाम ज्यादा और गुड़ का दाम कम हुआ करता था। आज अपने औषधीय गुणों के कारण गुड़ का दाम चीनी की अपेक्षा बढ़ा है। हालांकि अब गुड़ प्रदेश के अंदर नया ब्रांड बन रहा है। प्रदेश के तीन जिलों मुजफ्फरनगर, अयोध्या और लखीमपुर में ओडीओपी के रूप में गुड़ को शामिल किया है।
विश्वास है कि प्रोडक्ट आप सबके इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करेगा और गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में भी सहायक होगा।
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योगी ने कहा कि आज से चार साल पहले गन्ना किसानों की स्थिति खराब थी। पाँच, छह, सात वर्षों तक गन्ना भुगतान नहीं होता था। खांडसारी उद्योग को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। लाइसेंस नहीं मिल पाते थे। हमने सत्ता में आते ही स्थिति बदली।
आज आवेदन करने के कुछ ही घंटों के अंदर उसको लाइसेंस भी मिलता है। लाइसेंस शुल्क माफ है। ऑनलाइन व्यवस्था कर दी गई है। 15 किलोमीटर की बजाय 7 किलोमीटर के दायरे में कोई भी खांडसारी उद्योग लग सकता है।
उसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, शामली हो अयोध्या, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर जैसे गन्ना बाहुल्य जिले हैं, वहां के किसानों के द्वारा जो गन्ना पैदा किया जाता है, उससे बनने वाला गुड़ न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि देश और दुनिया के स्तर पर भी उनको एक नई पहचान और नया लाभकारी मूल्य दिला रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सात लाख गन्ना किसान हैं, 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती होती है। नई व्यवस्था से उन गन्ना किसानों को जोड़ना उनके लिए ऑनलाइन पर्ची की व्यवस्था करने का कार्य हमने किया है। 125600 करोड़ रूपये से अधिक गन्ना मूल्यों का भुगतान किया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब अन्य राज्यों में चीनी मिलें बंद हुईं तो हमने राज्य की चीनी मिलें चलाई। जब तक गन्ने की एक भी फसल खड़ी है तब तक कोई चीनी मिल बंद नहीं होनी चाहिए हमने ऐसा प्रबंध किया। अभी तक 53 फीसद से अधिक गन्ना मूल्यों का भुगतान किया जा चुका है।
गौरतलब है कि आजादी के बाद पहली बार गुड़ महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गुड़ उत्पादक किसानों को गुणवत्तायुक्त गुड़ उत्पादन और उसके सह-उत्पाद निर्माण हेतु प्रोत्साहित करना और गुड़ के औषधीय गुणों के प्रति आम जन मानस को जागरूक करना है।
अपने आप में इस अनूठे महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये गुड़ उत्पादकों द्वारा गुड़ एवं इसके सह-उत्पादों के विभिन्न स्टॅाल्स लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर गुड़ से बनी चाय, गुड़ से बने लड्डू, कुल्फी, जलेबी, हलवा, खीर, सोंठ, सौंफ, इलायची, तिल, मूंगफली,गजक,काजू, बादाम, केसर युक्त गुड़ एवं गुड़ के गुलगुले, गुड़ की ही चॉकलेट आदि अनेक उत्पादों और व्यंजनों का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।
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