Wednesday - 30 October 2024 - 10:47 AM

यूपी के इस कृषि विश्वविद्यालय में प्रमोशन को लेकर हो गया खेल

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कानपुर के विश्वविख्यात चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए कृषि विश्वविद्यालय) पर लगाया धांधली के आरोप लगते रहे हैं। कभी कुलपति की कार्यशैली को लेकर तमाम शिकायतें दर्ज कराई जाती है तो कभी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर हंगामा होता है।

हालांकि चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के खिलाफ शिकायतों का अम्बार है। शिकायत होती रहती है। जांच भी होती ह। जांच की रिपोर्ट भी विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ ही आती है लेकिन यह जांच रिपोर्ट कहाँ चली जाती हैं यह बताने वाला कोई नहीं है।

अब ताजा मामला है प्रोन्नतियों को लेकर है। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर में प्रमोशन को लेकर बड़ा खेल कर दिया गया है। इतना ही नहीं कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा किये गए प्रमोशन निरस्त किये जाने की मांग अब जोर पकडऩे लगी है।

इसको लेकर सौरभ कुमार कश्यप नाम के एक शख्स ने अपर मुख्य सचिव कृषि को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और मांग की है कि जल्द से जल्द इन प्रमोशनों को निरस्त किया जाये। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से नियमों का हवाला ्रदेते हुए बताया है कि कैसे ये प्रमोशन के नाम पर पूरा खेल किया गया है। इस दौरान उन्होंने कुछ साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए प्रमोशन में हुई गड़बड़ी का जिक्र किया है।

उन्होंने विश्वविद्यालय के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि जिन 45 कर्मचारियों का उल्लेख है उनमें क्रमांक संख्या 32, 33 एवं 45 पर अंकित कर्मचारी ही मात्र ऐसे हैं जिनकी शैक्षिक योग्यता बीकॉम है और लेखा संवर्ग की योग्यता रखते हैं। इसी सूची में क्रमांक संख्या 4 से लेकर क्रमांक 31 तक और क्रमांक संख्या 34 से लेकर 44 तक ऐसे कर्मचारी हैं जो लिपिक संवर्ग के हैं और उनकी शैक्षिक योग्यता बीकॉम नहीं है लेकिन उन्हें भी सहायक लेखाकार एवं लेखाकार बना कर प्रमोशन दे दिया गया।

वही उन्होंने अपने लेटर में आगे कहा है कि जिन 5 कर्मचारियों को सहायक लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है उनमें से किसी भी कर्मचारी की शैक्षिक योग्यता बीकॉम नहीं है जबकि जिन 5 कर्मचारियों को लेखाकार के पद पर प्रमोशन दिया गया है उनमें से किसी भी कर्मचारी की शैक्षिक योग्यता बीकॉम नहीं है।

वही सहायक लेखाकार जिसकी न्यूनतम सेवा अवधि 3 वर्ष की हो और लेखा संवर्ग की शैक्षिक योग्यता रखता हो उसे ही लेखाकार के पद पर प्रमोशन करने का नियम है।

इसी प्रकार लेखा संवर्ग की शैक्षिक योग्यता रखने वाला कर्मचारी जिसने लेखाकार के पद पर 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो उसे ही सहायक लेखाधिकारी के पद पर प्रमोशन करने का नियम है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिपिक संवर्ग के जिन कर्मचारियों को कार्यालय आदेश के तहत सहायक लेखाकार एवं लेखाकार का पदनाम दिया गया है उन्हें ही मात्र 3 दिन बाद लेखाकार एवं सहायक लेखाधिकारी के पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नति दे दी गयी है जिसकी शैक्षिक अर्हता कॉमर्स स्नातक नहीं है।

इसलिए अनुरोध है कि उक्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आधारित न करने वाले तथा सहायक लेखाकार से लेखाकार एवं लेखाकार से सहायक लेखाधिकारी के लिए जो निर्धारित अवधि एवं योग्यता आधारित न करने वाले जिन कर्मचारियों को पदोन्नति दी गयी है, उसे तत्काल निरस्त करने का कष्ट करें तथा इनका वेतन आहरण पूर्व की भाँति लिपिक संवर्ग को अनुमन्य वेतन से आहरित कराने हेतु वित्त नियन्त्रक, कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर एवं मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, कानपुर को निर्देशित करने का कष्ट करें। जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उक्त नियमविरूद्ध कार्यवाही सम्पन्न कराई है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही कराने का कष्ट करें ताकि भविष्य में शासनादेशों का अनुपालन कडाई से हो सके।

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