जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार का रविवार को दूसरी बार कैबिनेट का विस्तार किया गया. मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार ने अगले साल के शुरू में होने वाले चुनाव का पूरा ध्यान रखा है. मंत्रिमंडल के नये चेहरे जातीय गणित के हिसाब से तय किये गए हैं. राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सात मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई. कभी राहुल गांधी के बेहद करीबी रहे जितिन प्रसाद योगी सरकार में ब्राह्मण चेहरा होंगे. जितिन केन्द्र में राज्यमंत्री रह चुके हैं.
जितिन प्रसाद के बाद बरेली की बहेड़ी सीट के विधायक छत्रपाल गंगवार को शपथ दिलाई गई. 65 वर्षीय छत्रपाल सरकार में कुर्मी बिरादरी का प्रतिनिधित्व करेंगे. तीसरे नम्बर पर शपथ लेने वाले पलटू राम दलित हैं. वह 2017 के चुनाव में बलरामपुर से चुनाव जीते थे. विधायक बनने के साढ़े चार साल बाद उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला है.
उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सदर सीट से विधायक संगीता बलवंत बिंद को मंत्री बनाया गया है. पहली बार चुनाव जीतने वाली 42 वर्षीय संगीता बिंद पिछड़ी जाति की प्रतिनिधि हैं. सोनभद्र की ओबरा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे संजीव कुमार को भी मंत्री बनाया गया है. संजीव आदिवासी समुदाय से हैं.
दिनेश खटिक दलित समुदाय के हैं. मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चुने गए हैं. उनके ज़रिये पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलितों को साधने का काम किया जायेगा. मंत्रिमंडल विस्तार में आख़री नाम धर्मवीर प्रजापति का है. धर्मवीर हाथरस के हैं. विधान परिषद के सदस्य हैं. सरकार ने उन्हें माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष का ज़िम्मा सौंपकर पहले ही मंत्री का दर्जा दे रखा था. अब सरकार में शामिल कर लिया है.
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले एक हाईलेबल मीटिंग में मंत्रियों के नाम पूरी तरह से फाइनल किये गए. इस बैठक में तय हुआ कि सात मंत्री बनाये जाएं तो समाज की सभी बिरादरियों को प्रतिनिधित्व मिल जाए. योगी सरकार की सोशल इंजीनियरिंग में ब्राह्मण, दलित, ओबीसी और आदिवासी को मंत्री बनाकर सभी को खुश करने की कोशिश की गई है.
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