जुबिली न्यूज डेस्क
जूनागढ़. गुजरात के जूनागढ़ में मजेवाड़ी गेट के पास स्थित धार्मिक स्थल को हटाने के लेकर बवाल खड़ा हो गया है. जूनागढ़ नगर निगम की तरफ मुस्लिम समुदाय की दरगाह को नोटिस दिए जाने के बाद पथराव और आगजनी सामने आई हैं. इसमें एक डिप्टी एसपी समेत करीब 10 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं. पुलिस ने इस मामले में अब 174 लोगों को हिरासत में लिया है. स्थिति को संभालने के लिए मजेवाड़ी गेट के आसपास के इलाकों में फोर्स को तैनात किया गया है.
एक वायरल वीडियो में कम से कम 300 लोगों की एक उग्र भीड़ को पुलिस अधिकारियों पर पत्थरबाजी करते हुए देखा गया है. लोकल मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि एक पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की गई और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई. जिसके बाद पुलिस अधिकारियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
दरगाह को ‘अवैध रूप से’ बनाया गया
जूनागढ़ में ये हिंसक घटना शुक्रवार शाम को उस समय हुई जब जूनागढ़ नगर निगम के अधिकारी मजेवाड़ी गेट के सामने दरगाह के बाहर नोटिस लगाने पहुंचे. यह कहते हुए कि दरगाह को ‘अवैध रूप से’ बनाया गया था, नगर निगम ने इसके सबूत पेश करने के लिए पांच दिनों की समय सीमा दी थी कि दरगाह को कानूनी तरीके से बनाया गया था. इसके बाद इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा.
इससे कुछ लोग भड़क गए. जिन्होंने बाद में हंगामा किया. रात 9 बजे दरगाह के पास भीड़ जमा हो गई और अधिकारियों पर पथराव किया. हालात बिगड़ने पर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को इलाके में भेजा गया.
174 लोगों को हिरासत में लिया
बताया गया कि भीड़ ने इलाके से गुजरने वाली राज्य परिवहन की बसों और अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की. उन्होंने सड़क पर मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. बसों में सवार कुछ लोगों के घायल होने की खबर है. ‘सोडा की बोतलों’ का इस्तेमाल कर बाइकों में आग लगा दी गई. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 174 लोगों को हिरासत में लिया है.
जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया कि रात करीब 10.15 बजे पथराव किया गया और लोग पुलिस पर हमला करने के लिए आ गए. करीब 500-600 लोग वहां जमा हुए थे. पुलिस उन्हें सड़क जाम नहीं करने के लिए समझा रही थी. पथराव से एक नागरिक की मौत हुई है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो पाएगा. आगे की जांच चल रही है.’