न्यूज डेस्क
लोकसभा के शेष सत्र के लिए कांग्रेस के सात सांसदों को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया था। सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस सांसदों के निलंबन की भत्र्सना की है। उनका कहना है कि गुरुवार को जो हुआ वैसा 70 सालों में नहीं हुआ। वहीं कांग्रेस ने पूछा है कि किस आधार पर उनके सांसदों को निलंबित किया गया है।
लोकसभा में दो मार्च से विपक्षी दल दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा कराने की मांग कर रही है। इसी को लेकर सांसद सदन में हंगामा
कर रहे हैं। सांसदों के हंगामे के चलते स्पीकर ओम बिड़ला बुधवार और गुरुवार को संसद तो गए लेकिन सदन में नहीं गए।
विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए यह तो साफ हो गया है कि वह दिल्ली हिंसा का मुद्दा छोडऩे वाले नहीं है। शुक्रवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विपक्ष ने प्रदर्शन किया और गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा।
शुक्रवार को जहां कांग्रेस ने लोकसभा में सांसदों के निलंबन को लेकर पूछा कि किस आधार पर यह कार्रवाई की गई तो वहीं डीएमके ने निलंबन को वापस लेने की मांग की। इस पर सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जो कल हुआ वैसा 70 सालों में नहीं हुआ था, लेकिन ऐसा व्यवहार संसद में शोभा नहीं देता है।
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘कल हमारे सात सांसदों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। हमें नहीं पता ऐसा किस आधार पर किया गया? यह कोई छोटी चीज नहीं है। हम केवल दिल्ली हिंसा पर चर्चा चाहते हैं।’
लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से कहा, ‘इस तरह का व्यवहार संसद में शोभा नहीं देता है। इससे पहले सदन में प्रधानमंत्री और अमित शाह जी के खिलाफ अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया गया लेकिन हमने कुछ नहीं किया।’
फिलहाल भारी हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को 11 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
फिलहाल अध्यक्ष ने एक समिति बनाई है जो 2 मार्च से 5 मार्च के बीच सदन में हुई घटनाओं की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करेगी। इस समिति के अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होंगे।
गौरतलब है कांग्रेस के सात सांसदों को गुरुवार को लोकसभा की शेष सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया गया। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, गुरजीत सिंह औजला, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर और राजमोहन उन्नीथन शाामिल हैं। इन सांसदों को लोकसभा में हंगामा करने और उद्दंड आचरण के लिए निलंबित किया गया है।
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