न्यूज डेस्क
अखिलेश सरकार में हुई दर्जनों भर्तियों में धांधली की सीबीआई जांच से दागदार हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का दामन योगी सरकार में भी साफ नहीं हो सका है।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में धांधली का खुलासा होने के बाद दिसंबर तक के लिए सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं, जिसके बाद प्रतियोगी भड़क उठे हैं।
इस बीच हजारों की संख्या में अभ्यर्थी आयोग के दफ्तर के बाहर जुट कर मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान लोक सेवा आयोग के गेट पर ‘चिलम सेवा आयोग’ लिखते समाजवादी पार्टी के तीन कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। इनमें राजेश यादव, संदीप यादव और उनका एक साथी शामिल है।
वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता को गिरफ्तार कर लिया गया है। अंजू को गिरफ्तारी और जेल भेजने पर पीसीएस एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है। इस मसले पर आज एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है।
इस बीच मामले को राजनीति बढ़ती जा रही है। प्रियंका गांधी के योगी सरकार पर निशाना साधने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके अपनी चार मांगों को रखा है।
प्रयागराज में UPPSC धाँधली के सम्बंध में हमारी माँगें:
-परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल की सभी परीक्षाएँ निरस्त हों
-धाँधली में सहायक रहे सभी अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए
-2017 से अब तक की सभी परीक्षाओं की CBI जाँच हो
-प्रिंटिंग प्रेस व अन्य संवेदनशील कार्य UPPSC के अधीन हों
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 1, 2019
सपा की मांग है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता के कार्यकाल की सभी परीक्षाएँ निरस्त हों। धाँधली में सहायक रहे सभी अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए। 2017 से अब तक की सभी परीक्षाओं की CBI जाँच हो। प्रिंटिंग प्रेस व अन्य संवेदनशील कार्य UPPSC के अधीन हो।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि UPPSC की ओर से जुलाई, 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया था। हिंदी और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा से एक दिन पहले पेपर आउट कर दिया गया था। कोलकाता के रहने वाले अशोक देव चौधरी ने इसकी शिकायत पश्चिम बंगाल की CID से की थी। आरोप था कि कोलकाता के ब्लेंयिंग स्क्वॉयर प्रिंटिंग प्रेस से पर्चे आउट हुए।
20-20 लाख में पेपर लीक कराने का सौदा
STF अधिकारी के मुताबिक, 50 प्रतियोगियों को एग्जाम से एक दिन पहले वाराणसी के यूपी कॉलेज में बुलाया गया था। फिर उनको यहां से कौशल विकास केंद्र ले जाया गया। सबको सॉल्व्ड पेपर की कॉपीज दी गई और दो घंटे बाद वापस ले ली गईं। शिकायतकर्ता अशोक ने इसका फोटो-वीडियो बना लिया था।
पेपर लीक करने के बदले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार ने UPPSC की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को 10 लाख रुपये दिए थे। अभ्यर्थियों से 20-20 लाख में पेपर लीक कराने का सौदा तय हुआ।
आईजी ने भर्ती परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए एक रिपोर्ट दी
इसके बाद यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने भर्ती परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें उन्होंने भर्ती परीक्षाओं के पेपर की चेन ऑफ कस्टडी को सबसे मजबूत बनाने का सुझाव दिया था। इसमें पेपर बनने से लेकर छपने के बाद सेंटर पहुंचने और वहां बंटने तक के सिस्टम को कैसे फूलप्रूफ बनाया जाए ये बताया था। इसके बावजूद यूपी लोक सेवा आयोग ने उन सुझावों को दरकिनार कर दिया, जिसका नतीजा एलटी ग्रेड और पीसीएस परीक्षा मेन्स के पेपर लीक के रूप में सामने आया।
अंजू लता कटियार ने सलाह नहीं मानी
पुलिस और STF ने UPPSC को सलाह दी थी कि इस प्रकाशक को आगे पेपर छापने को न दिए जाएं। अंजू लता कटियार ने सलाह नहीं मानी। उन्हें 30 मई को वाराणसी की क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज से अरेस्ट कर लिया है। उनके मोबाइल-लैपटॉप को सील कर दिया गया है। ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि ऐसे ही और कितनी परीक्षों के पेपर लीक किए गए हैं।
अंजू लता, कौशिक के अलावा जौनपुर, गाजीपुर के कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अंजू और कौशिक को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि बाकी फरार हैं। अंजू लता की गिरफ्तारी के बाद अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने आयोग मुख्यालय का घेराव शुरू कर दिया।
77 मामलों में 467 लोग हुए गिरफ्तार
बता दें कि यूपी एसटीएफ योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक परीक्षा में सेंधमारी, पेपर लीक, सॉल्वर गैंग और भर्तियों के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले 77 मामले पकड़ चुकी है। इसमें परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार समेत 467 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पीसीएस- 2002 परीक्षा में टॉपर थीं अंजू
2002 बैच की पीसीएस अधिकारी अंजू लता कटियार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप करने पर सुर्खियों में आई थीं। अब उसी आयोग की ओर से आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के आरोप में चर्चा में हैं। अंजू के पति अभिषेक वर्मा एचएएल में इंजिनियर हैं। वह बच्चों के साथ लखनऊ में रहते हैं।
पूछताछ में खुद को बेकसूर बताती रहीं
जेल भेजे जाने से पहले पूछताछ में अंजू कटियार ने खुद को बेकसूर बताया। कहा कि उन्हें एसटीएफ ने कभी यह नहीं बताया था कि कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने जैसी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने 26 मई को कौशिक से दस लाख रुपये लेने की बात को भी खारिज किया। जब कौशिक से मिली जानकारी और दोनों के बीच वॉट्सऐप मैसेज को दिखाया गया तो अंजू शांत हो गईं। हालांकि वह बार-बार यही कहती रहीं कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। वाराणसी जेल में बंद कन्नौज निवासी अंजू के पति अभिषेक वर्मा उनसे मिलने पहुंचे लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वह नहीं मिल सके।
संपत्तियों की जांच होगी
अंजू लता के बैंक अकाउंट और उनकी संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। विवेचक सीओ पिंडरा अनिल राय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अंजू को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है। पेपर लीक कर करोड़ों की कमाई करने वाले गैंग के सदस्य जौनपुर के अजय चौहान व अजीत चौहान, गाजीपुर के प्रभुदयाल, रंजीत कुमार, गणेश प्रसाद शाह व संजय कुमार की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं।
इन परीक्षाओं के पेपर लीक
- 2015 में पीसीएस जैसी परीक्षा का पेपर लीक हो गया। परीक्षा के कुछ घंटे पहले ही पेपर लीक हो गया था। आयोग ने 10 मई को प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा दोबारा कराई। यह आयोग की सबसे विवादित परीक्षाओं में एक मानी जाती है। पेपर लीक मामले की एफआईआर लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दर्ज करवाई गई थी।
- 27 नवम्बर 2016 को आरओ/एआरओ का पेपर परीक्षा से पहले ही वॉट्सऐप पर लीक हो गया था। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने साक्ष्य सहित हजरतगंज थाने में एफआईआर के लिए तहरीर दी, हालांकि रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। बाद में 7 जनवरी 2017 को कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई।
- पीसीएस 2017 मेंस का पेपर भी प्रयागराज के जीआईसी सेंटर पर लीक हो गया था। परीक्षा केंद्र पर गलत प्रश्न पत्र पहुंचने के मामले में आयोग ने बाद में कॉलेज को अगले 3 साल के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं के लिए केंद्र न बनाने का फैसला लिया। केंद्र पर तैनात रहे करीब 36 कक्ष निरीक्षकों और केंद्र व्यवस्थापक को भी 3 साल के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया गया। आयोग ने पीसीएस मेंस 2017 परीक्षा के प्रश्न पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस को 2 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
एसआईटी का गठन किया गया
एसटीएफ के आईजी के निर्देश पर एसपी अपराध के निर्देशन में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने वर्ष 2016 में हुई समीक्षा अधिकारी परीक्षा पेपर लीक मामले में भी अंजू लता पर कार्रवाई की मांग की है।