न्यूज डेस्क
यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले को लेकर योगी सरकार चौतरफा गिरती जा रही है। एक तरफ भविष्य निधि डूबने के विरोध में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के हजारों कर्मचारी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ में हजारों कर्मचारी प्रदेशभर से इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर योगी सरकार पर लगातार हमलावर है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर यूपीपीसीएल में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के इस्तीफे की मांग की है। अजय कुमार लल्लू का आरोप है कि योगी सरकार में 41 सौ करोड़ रुपये डीएचएफएल में जमा कराए गए। लल्लू इस मुद्दे पर योगी सरकार और ऊर्जा मंत्री पर लगातार हमलावर रहे हैं। कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर प्रदेश में प्रदर्शन भी कर रही है।
गौरतलब है कि अजय कुमार लल्लू पहले आरोप लगा चुके हैं कि 24 मार्च को डीएचएफएल में पहली बार पैसा जमा किया था और तब प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी थे और श्रीकांत शर्मा ऊर्जा मंत्री थे।
इस बीच उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के हजारों कर्मचारी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार भविष्य निधि की डूबी रकम को दिलाने का वादा करें, वहीं दूसरी ओर घोटाले में शामिल अफसरों को जांच के दायरे में लाया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज हजारों की तदाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता न्याय पाने के लिए राजधानी लखनऊ की सड़कों पर उतरे। रैली में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारियों के परिवार की महिलायें एवं बच्चे भी रैली में शामिल हुए। अपने भविष्य को लेकर चिन्तित बच्चे रैली में सबसे आगे चल रहे थे।
रैली के बाद हुई सभा में फैसला लिया गया कि अगर सरकार बिजलीकर्मियों के पीएफ भुगतान की गारंटी लेने की मांग पूरी नहीं करने के साथ पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार नहीं किया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी एवं अभियंता 18 व 19 नवम्बर को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे।
राजनीतिक दलों और यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के दबाव के बीच योगी सरकार घोटाले के जांच दे दिए हैं और इसमे कई गिरफ्तारियों भी हुई हैं। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा सवाल सामने आ रहा है कि क्या योगी सरकार में 4100 करोड़ रु. DHFL में जमा कराए गए।