जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का संभल रविवार को हिंसा इतनी ज्यादा भडक़ गई कि इसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हिंसा हुई। इस हिंसा में जमकर पथवार किया गया है और तोडफ़ोड़ हुई है। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हैं।
हिंसा के दौरान फायरिंग भी हुई, हालांकि अफसरों का दावा है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। वहीं इस मामले में राजनीतिक दलों ने भी योगी सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए निशाना साधा है।
दूसरी तरफ पुलिस ने मस्जिद के आसपास के इलाके को सील कर दिया है। इतना ही किसी भी बाहरी के एंट्री पर एक दिसंबर तक रोक लगा दी गई है। पूरा इलाका छावनी में बदल गया है।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने संभल हिंसा को लेकर कहा-“एक बार सर्वे हो चुका था, तो सुबह 6 बजे डीएम को क्या जरूरत थी जाने की. जज ने किसी के पक्ष में कोई फैसला नहीं सुनाया. अगर जज ऐसे फैसले देने लगें तो ये लोग पूरे देश में आग लगा देंगे। ”
हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘कल उत्तर प्रदेश के संबल में पुलिस गोलीबारी में तीन युवकों की हत्या’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए. प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें। ”
कांग्रेस पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि “बटेंगे तो कटेंगे” का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में उत्तर प्रदेश को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि प्रशासन का काम शांति और सौहार्द्र बनाए रखना है, लेकिन भाजपा और आरएसएस का एजेंडा समाज को बांटना है। संभल की घटना में हुई हिंसा के लिए उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन की आलोचना की है।