जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के ज़ोरदार अभियान की वजह से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में घबराहट दिख रही है। जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा यूपी में डेरा डालते दिख रहे हैं वह बताता है कि बीजेपी को यूपी में बुरी चुनावी हार की आहट मिल रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ये बयान जारी करते हुए कहा है कि जब कोरोना काल में यूपी के लोग एक आक्सीजन सिलेंडर के अभाव में तड़प-पड़प कर जान गंवा रहे थे, तो ये तमाम नेता नदारद थे।
सारे के सारे साइलेंट मोड में थे जबकि जीवनदायिनी गंगा शववाहिनी में तब्दील हो गयी थीं। अब चुनाव सामने देख जनता के टैक्स के पैसे से करोड़ों का विज्ञापन फूँककर विकास के फ़र्ज़ी दावे किये जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू ने कहा कि योगी राज में उत्तर प्रदेश में अपराध, महिला उत्पीड़न, छिनैती, बेरोजगारी, चरम पर है। लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को यहां की पीड़ित जनता नहीं दिखती है।
पुलिस कस्टडी में लोगों को मारा जा रहा है, लेकिन डीजीपी कान्फ्रेंस में इस पर कोई चर्चा प्रधानमंत्री ने नहीं की। यही नहीं, लखीमपुर में किसानों को कुचलकर मारने वाले आशीष मिश्र के पिता और किसानों को दो मिनट में ठीक कर देने का बयान देने वाले अजय मिश्र टेनी को अब तक गृहराज्यमंत्री पद से बरख़ास्त न करके वे किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की शहादत हुई, लेकिन कृषि कानून वापस करने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने अफ़सोस का एक शब्द भी नहीं कहा।
किसानों से किया गया एक भी वादा यूपी की योगी सरकार ने पूरा नहीं किया लेकिन चुनाव सामने देख किसान हितैषी होने का विज्ञापन दिया जा रहा है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करने के बावजूद किसान प्रधानमंत्री पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं और साक्षी महाराज जैसे उनके सांसद कृषि क़ानून की वापसी की बात कह कर किसानों के शक को पुख्ता कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन के साथ पहले दिन से रही है और आज भी वह पूरी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मांग रहे किसान आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। शहीद किसानों का राष्ट्रीय स्मारक बनाने का ऐलान तुरंत होना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य को जब तक कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा किसानों की स्थिती में सुधार नहीं होगा। आज किसान एक हजार- ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर धान बेचनें को मजबूर हैं। सरकारी खरीद हो नहीं रही है इसलिए एम0एस0पी0 को हर हाल में कानूनी दर्जा मिलना चाहिए।
किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस हों कांग्रेस पार्टी इस मांग की समर्थन करती है। संयुक्त किसान मोर्चा की लखनऊ पंचायत का कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करती है।
अगले चुनाव में किसान विरोधी बीजेपी सरकार को प्रदेश की जनता करारा जवाब देगी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में एक नया सवेरा होकर रहेगा।