स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी भारी हंगामा हुआ है। कानून व्यवस्था को लेकर पूरा विपक्ष योगी सरकार पर हमला बोल रहा है लेकिन योगी अपनी सरकार का बचाव कर रहे हैं। दूसरी ओर बुधवार को भी बीजेपी के कुछ विधायक अपनी सरकार के कामकाज पर एक बार फिर नाराजगी जतायी है। दरअसल ये विधायक लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर के कथित उत्पीडऩ को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए है। जानकारी के मुताबिक योगी और सुनील बंसल इस मामले पर मुलाकात कर सकते हैं। विधायकों के साथ बैठक और मंथन शुरू हो गया है।
गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और विधान सभा अध्यक्ष से न्याय की गुहार लगायी है। उन्होंने अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अधिकारी अपने आपको ईमानदार समझते हैं, नेताओं को बेईमान समझते है। अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों और उनके एनजीओ की जांच होनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगीजी की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है। हमने कभी एक रुपए कमीशन नहीं लिया। लेकिन हमारे यहां (गाजियाबाद) 18 से 22 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कि मुझे अपराधी बताया गया, जिससे मुझे दुख हुआ है।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने दावा किया कि अधिकारी कहते हैं कि भाजपा सरकार में 4 प्रतिशत कमीशन कम लिया जाता है। मुझे न्याय की उम्मीद है। गाजियाबाद में माफिया का बोलबाला है। मेरी मदद की जानी चाहिए। मैंने कभी किसी अधिकारी से कोई काम के लिए नहीं कहा है। जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए। विधायक ने कहा- सपा-बसपा में मेरे यहां जो अपराधी थे, वह मेरी हत्या करवाना चाहते थे।
भाजपा विधायक हर्ष वाजपेयी ने कहा- अधिकारियों में भ्रष्टाचार करने की आदत पड़ गयी है। अधिकारियों को लगता है कि सरकार आती जाती रहती है पर उनकी नौकरी पक्की है। इस नाते वे भ्रष्टाचार करते हैं। कल सभी दलों के विधायक हमारे साथ थे। सब हमारे समर्थन में बैठे थे। आज मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी। हम सब अपनी बातें रखेंगे। इस पार्टी में लोकतंत्र है कि हम धरने पर बैठे और अब मुख्यमंत्री से मुलाकात में हम अपनी बात रखेंगे।
गौरतलब हो कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही योगी सरकार को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया था लेकिन सबसे बड़ी बात है कि भाजपा के 100 से ज़्यादा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ मंगलवार को सदन के भीतर धरने पर बैठ गए थे। इतना ही नहीं इन विधायकों ने अपनी ही सरकार पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। ये मामला अभी शांत नहीं हुआ है बल्कि अब भी बीजेपी के कुछ विधायक अपनी सरकार के कामकाज से खफा नजर आ रहे हैं। इस मामले पर विपक्ष ने बीजेपी विधायकों को समर्थन दिया है।