दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है। अस्सी चौराहे पर भेलूपुर पुलिस ने बैरिकेडिंग करते हुए रास्ता बंद कर दिया है। वहीं नगवां की तरफ से आने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है…
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिव की नगरी काशी इन दिनों डूबती हुई नजर आ रही है। बाढ़ की स्थिति से वहां के लोगों को अपना घर छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा है। आलम तो यह है कि लोगों के घरों में पानी आ गया है।
सबसे ज्यादा खराब स्थिति मणिकर्णिका घाट पर देखने को मिल रही है। यहां पर गंगा ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है। हालात तो इतने खराब हो चुके घाटों पर पानी ने जमा हो गया है। इसकी वजह से मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार में करने में लोगों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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बताया जा रहा है कि मणिकर्णिका घाट पूरी तरह से पानी की चपेट में आ गया है। इसके बाद वहां पर पानी गलियों तक जा पहुंचा है और ऐसे हालात में वहां पर गलियों में नांव को चलाया जा रहा है।
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मीडिया रिपोट्र्स की माने तो मणिकर्णिका घाट के लिए जाने वाली गलियों में नांव की पार्किंग की जाने लगी है। छतों पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस वजह से वहां पर अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को लम्बे वक्त तक इंतेजार करना पड़ा रहा है।
बताया जा रहा है कि इन शवों को वहां तक पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहां की गलियों में नावोंं का चलाने पर मजबूर होना पड़ा है।
इस वजह से पैदा हुए हालात
काशी नगरी में ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि यहां का गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 71.38 मीटर तक जा पहुंचा। हालात तो और तब खराब हो गए जब शाम होते-होते यहां पर पानी का बढऩा 1 से डेढ़ सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जारी था।
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पूरे घाट पर पानी देखा जा सकता है। इसका नतीजा यह रहा कि मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार करने में लोगों को अच्छीखासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।