- बस यात्रियों की सुविधा के साथ ही निगम की आय में वृद्धि के लिए योगी सरकार के प्रयासों का असर
- वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही जनवरी तक निगम ने सिर्फ नीलामी और स्क्रैप से कमाए 31 करोड़ 37 लाख रुपए
- बसों और स्क्रैप की नीलामी से निगम ने विगत 4 वर्षों में की सर्वाधिक आय, मार्च अंत तक 40 करोड़ तक पहुंच सकता है आंकड़ा
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यात्रियों को परिवहन की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ योगी सरकार परिवहन निगम की आय में वृद्धि को लेकर भी लगातार प्रयास कर रही है।
इसके लिए विभिन्न तरह के उपाय किए गए हैं, जिनमे पुरानी खटारा बसों और स्क्रैप की नीलामी भी की जा रही है। इसके चलते परिवहन निगम को वर्ष 2023-24 में नीलामी के माध्यम से माह अप्रैल से जनवरी 2024 तक कुल 31 करोड़ 37 लाख रुपए की अतिरिक्त आय हुई है, जो विगत 4 वर्षों में नीलामी से हुई आय में सर्वाधिक है।
वर्ष 2022-23 में निगम को नीलामी से लगभग 10 करोड रुपए, वर्ष 2021-22 में 21 करोड़ 23 लाख रुपए एवं वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ 57 लाख रुपए की आय अर्जित हुई थी। योगी सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2024 तक पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम को नीलामी से होने वाली आय का आंकड़ा 40 करोड़ के पार पहुंच जाएगा।
नीलामी की प्रक्रिया में आएगी तेजी
पुरानी और खतारा बसों की जगह परिवहन विभाग नई बसों को अपने बेड़े में शामिल कर रहा है। ऐसे में पुरानी खटारा बसों और उससे निकलने वाले स्क्रैप की विभाग द्वारा हर वर्ष नीलामी की जाती है।
परिवहन निगम के प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत सिंह के अनुसार, सितंबर 2023 से अभी तक कुल 2050 पुरानी बसों को फ्लीट से अलग किया जा चुका है।
इसमें से 1500 बसों की नीलामी हो चुकी है। बाकी बसों की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। इन बसों से जो स्क्रैप सामान निकलता है उसको भी नीलाम किया जाता है। विगत 4 वर्षों में नीलामी से इस बार सबसे ज्यादा आय हुई है। नीलामी के कार्य को अत्यंत तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। पूरी संभावना है की वित्तीय वर्ष के अंत तक निगम को नीलामी के जरिए 40 करोड़ की आय हो सकेगी।