- इग्नू देगा प्रदेश के युवाओं और व्यापारियों को कौशल संवर्धन की शिक्षा
- सीएम की स्किल मैपिंग योजना से सूबे में मिला था लाखों मजदूरों को रोजगार
लखनऊ। पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रवासी मजदूरों की “स्किल मैपिंग” करने की योजना से लाखों मजदूरों को रोजगार मिला था।
वही इस बार कोरोना संकट के दौरान सरकार ने लॉकडाउन के बजाए आंशिक कर्फ्यू लगाकर लोगों के जीवन और जीविका रक्षा की। ताकि व्यापार भी चलता रहे और लोगों को रोजगार भी मिलता रहे।
अब इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में व्यापार करने के इच्छुक युवाओं तथा व्यापार कर रहे व्यापारियों को कौशल विकास का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस पढ़ाई के दौरान उन्हें अपने व्यवसाय से इतर भी काम करने की शिक्षा दी जाएगी, जिससे वो अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। वही व्यापार करने के इच्छुक अपना रोजगार कर सकेंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) प्रदेश के युवाओं और व्यापारियों को कौशल संवर्धन की शिक्षा देगा। विश्वविद्यालय ने इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में सक्रिय व्यापारियों के संगठन आदर्श व्यापार मंडल के साथ करार कर रहा।इसके तहत इग्नू व्यापार मंडल में पंजीकृत व्यापारियों एवं उनके परिवारों को रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराएगा, इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के व्यापारियों से क्षेत्रीय केंद्र कुछ चुनिंदा कार्यक्रमों में शुल्क नहीं लेगा।
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एक बड़े शिक्षण संस्थान की यह पहल राज्य में नए तरह की व्यापारिक गतिविधियों को शुरू कराने में सहायक होगी। व्यापार जगत से जुड़े लोगों का ऐसा मत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यही चाहते हैं कि राज्य में नए -नए तरह सके उद्योग लगे और सूबे में लगी फैक्ट्री तथा व्यापारिक संस्थानों में दक्ष लोग कार्य करें।
अपनी इसी सोच के तहत ही उन्होंने ने बीते सूबे में श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराई थी और अब व्यापारियों को कौशल विकास का पाठ पढ़ाने पर जोर दे रहें हैं।
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गौरतलब है कि पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान कौशल विकास मिशन के जरिए प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों के लौटे 37 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैंपिंग कराई थी। यूपी तब मजदूरों की स्किल मैपिंग करने वाला पहला राज्य बना था।
इन श्रमिकों को रोजगार मिले इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिकता के तौर पर सभी विभागों को इन मजदूरों की सेवाएं लेने का निर्देश दिया दिया था। इन मजदूरों की ट्रेनिंग कराकर इन्हें सर्टिफिकेट भी मुहैया कराया गया था।
इस सर्टिफिकेशन का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि इन मजदूरों को बैंकों से लोन मिलना आसान हो गया और उन्होंने अपना छोटा मोटा व्यापार शुरू किया। तब सेवा मित्र पोर्टल के जरिए लाखों श्रमिकों को नौकरी भी दिलाई गई थी।
अब इसी क्रम में अपना रोजगार करने के इच्छुक युवाओं और व्यापार कर रहे व्यापारियों की आय में इजाफा करने को लेकर इग्नू ने रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
इसके तहत इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ सहित राज्य के सभी जिलों में बने केंद्रों की ओर से व्यापार मंडल में पंजीकृत व्यापारियों एवं उनके परिवारों को रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के व्यापारियों से क्षेत्रीय केंद्र कुछ चुनिंदा कार्यक्रमों में शुल्क नहीं लेगा।
इसके तहत युवा व्यापारियों एवं महिला व्यापारियों एवं परिजनों को भी रोजगार परक शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस योजना की शुरुआत करते हुए बीते दिनों लखनऊ में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र एवं उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के बीच एक एमओयू किया गया।
इस करार के तहत विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के व्यापारियों को स्नातक स्तर की शिक्षा निशुल्क प्रदान करेगा तथा साथ ही साथ अगर वे प्राथमिक स्वास्थ्य में प्रमाण पत्र, जैविक कृषि ,उपभोक्ता संरक्षण, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, एचआईवी एवं पारिवारिक शिक्षा में प्रमाण पत्र कार्यक्रमों में नामांकन कराते हैं तो उनसे उनसे कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इसके साथ ही सामान्य क्षेत्र के व्यापारियों को भी रोजगार परक शिक्षा के कोर्स कराए जाएंगे। जिसके चलते इग्नू की मदद से व्यापारियों को उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे।
इन पाठ्यक्रमों को पढ़कर निकलने वाले व्यापारी आने वाले दिनों में अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के साथ ही शिक्षण कार्य भी कर सकेंगे। व्यापारी संगठनों का प्रयास है व्यापारी बदली हुई परिस्थितियों में स्वयं तथा अपने परिवार के युवाओं में कौशल का संवर्धन करे और परंपरागत व्यापार के साथ-साथ अन्य योजनाओं को भी अपनाएं जिससे उनके रोजगार के अवसर बढ़े और आय में वृद्धि होगी।
इसी सोच के तहत इग्नू की इस योजना को अब राज्य में विस्तार दिया जायेगा, ताकि रोजगार के इच्छुक युवा और व्यापारी कौशल विकास का पाठ पढ़ इसका लाभ उठाएं।
इस योजना को बढ़ावा देने के साथ सरकार के स्तर से प्रदेश के सभी जनपदों में अब जिलाधिकारी और एसएसपी व्यापारियों की समस्याओं का निस्तारण जिला स्तर पर करने का निर्देश दिया गया है। माह में एक दिन निर्धारित कर व्यापार मंडल उद्योग प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम किया जाएगा। जिसके तहत जिले स्तर पर ही बड़े व छोटे सभी व्यापारियों की समस्याओं की सुनवाई करते हुए त्वरित निस्तारण किया जाएगा।