खास बातें
- सीएम के प्रयास से यूपी में जल्द बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क- फार्मा पार्क
- यूपी का मेडिकल उपकरण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर देगा चीन और अमेरिका टक्कर
- मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा पार्क से बदलेगा मेडिकल उपकरण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
लखनऊ । मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में जल्दी ही उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हब बन जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क और ललितपुर में बनाए जाने वाले फार्मा पार्क के चलते यह परिवर्तन होगा।
यहीं नही उत्तर प्रदेश के मेडिकल इक्विपमेंट निर्माता चीन और अमेरिका की मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को टक्कर (चुनौती) देते हुए दिखाई देंगे। इसके लिए अब राज्य में मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा पार्क की स्थापना को लेकर तेजी दिखाई जाने लगी है। जल्दी ही इन पार्कों के निर्माण का कार्य शुरू होगा।
गौरतलब है कि बीते साल केंद्र सरकार ने चिकित्सा उपकरण और दवा के मामले में आत्मनिर्भरता के लिए फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना विभिन्न राज्यों में कराने का निर्णय लिया था।
यह तय किया था कि ये पार्क उन्हीं राज्यों में बनेंगे जहां का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा। निवेश करने वाले उद्यमियों को डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी।
औद्योगिक विकास नीति के तहत राज्य सरकार भी छूट देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना का संज्ञान लेते हुए राज्य में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना कराने की योजना तैयार कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के लिए जमीन की तलाश की गई।
कानपुर, उन्नाव, ललितपुर तथा पीलीभीत में फार्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित हुई। जबकि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर- 28 में 350 एकड़ भूमि चिंहित की गई।
मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चिंहित की गई भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क तथा ललितपुर में चिंहित की गई भूमि पर फार्मा पार्क की स्थापना करने पर अपनी रजामंदी जता दी।
इसी के बाद मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्म पार्क की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर उसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया। केंद्र की सहमति मिलते ही इन पार्कों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
औद्योगिक विकास तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार यूपी में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क तथा फार्मा पार्क सूबे के दवाओं और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कारोबार को मजबूती प्रदान करेंगे।
मौजूदा समय में राज्य में अधिकांश महत्वपूर्ण मेडिकल इक्विपमेंट का आयात किया जाता है। इसमें 75 प्रतिशत हिस्सा आयातित औजारों का होता है।
अभी देश में चिकित्सा एवं दंत रोग उपचार के इक्विपमेंट बनाने वाले कुल 316 कारखाने हैं, जिनमें से करीब 10 प्रतिशत फैक्ट्रियां यूपी में हैं।
इस मामले में यूपी गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर है। गुजरात में करीब 18 प्रतिशत मेडिकल इक्विपमेंट बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का कारोबार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। जबकि पूरे देश में ये कारोबार करीब 5300 से 6000 करोड़ रुपये का है।
यूपी इन उपकरणों का बड़ा बाजार होने के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग की कम लागत की वजह से इस क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है।
अभी देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क पर हैं, जो दक्षिण के राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में स्थित है। यूपी में इस तरह का कोई पार्क नहीं है, इस कमी को दूर करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद रूचि कर रहे हैं। जिसके तहत मेडिकल डिवाइस पार्क तथा फार्मा पार्क के निर्माण की पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
इन पार्कों में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिससे आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी मदद हो सकती है। मेडिकल डिवाइस पार्क में कई रेडियोलॉजिकल डिवाइस लगाने की तैयारी है। जिनमें सिटी स्कैन, एक्सरे मशीन, बीपी मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर आदि को शामिल किया गया है।
राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। दूसरे चरण में 225 एकड़ एरिया में भी यही योजना आएगी।
इस पार्क में देसी-विदेशी कंपनियों को जमीन आवंटित की जाएगी। उनसे करीब 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 35 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। 2023 में इसे पूरा करने का लक्ष्य है। जल्दी ही इस पार्क के निर्माण कार्य का शुभारंभ मुख्यमंत्री करेंगे। इसे लेकर तैयारिंयां की जा रहीं हैं।