जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी में अपराध बेकाबू होता दिख रहा है। खाकी भी सवालों के घेरे में है। दरअसल उत्तर प्रदेश का कानपुर लगातार सुर्खियों में है। पहले विकास दुबे की वजह से कानपुर एकाएक चर्चा में आ गया था। इसके बाद एक बार फिर कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में है। कानपुर के बर्रा थाना पुलिस को गच्चा देकर शातिर अपहर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और अपहृत की हत्या भी कर दी गई। करीब महीने भर पहले अपहृत पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की दोस्तों ने ही हत्या कर दी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया।
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कानपुर पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की हत्या की खबर से उसके घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। इतना ही नहीं बहन रुचि कहना है कि उसका भाई बुजुर्ग माता-पिता का एक मात्र सहारा था। ऐसे में अब उनका क्या होगा।
बहन ने इस दौरान पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया और कहा है कि पुलिस ने ही उनके भाई की जान ली है। उसने कहा कि संजीत यादव की लाश ही तलाश दो, एक बार राखी तो बांध लूं…। बहन ने कहा कि कुछ दिन बाद राखी है और लाश ही तलाश दो, कम से कम एक बार राखी तो बांध लूं। इस दौरान उसका रो-रो कर बुरा हाल है।
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बता दें कि कानपुर के बर्रा थाना पुलिस को गच्चा देकर शातिर अपहर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और अपहृत को भी नहीं छोड़ा। 22 जून से अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को छोडऩे के लिए अपहर्ताओं ने परिजनों को रकम के साथ गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया।
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मकान और जेवर बेचकर जुटाई गई रकम लेकर परिजन फ्लाईओवर पर पहुंचे तो पुलिस भी उनके पीछे-पीछे अपहर्ताओं को दबोचने के लिए लगी। अपहर्ता पुलिस के प्लान से आगे निकले। वे फ्लाईओवर के नीचे खड़े रहे। परिजनों को फोन कर रकम नीचे फिंकवाई।
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पुलिस उन तक पहुंचती, इससे पहले ही वे रकम लेकर फरार भी हो गए। आरोप है कि पुलिस ने संजीत के परिजनों से उनका मकान बिकवाकर खुद अपरहरण करने वालो को 30 लाख रुपया भी दिलवा दिया, लेकिन पुलिस संजीत को न बरामद कर सकी और न कोई अपराधी पकड़ में आया।
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