जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। बीते 24 घंटे में 20465 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई। इनमें 412 नए संक्रमित मिले और आठ की जान गई। राज्य में संक्रमितों की संख्या 10947 पहुंच गई है। मरने वालों का आंकड़ा 283 हो गया है। हालांकि, अब तक 58 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं।
अभी तक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचा रहा पूर्वी यूपी भी अब इसके चपेट में आ गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्वांचल के जिलों में खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है। प्रवासियों के आने के साथ ही पूर्वांचल में कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
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गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में अब तक कोरोना से कुल 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, सातों जिलों में कुल संक्रमितों की संख्या 1000 से ज्यादा हो चुकी है। बीएचयू में कोरोना जांच की लैब में प्रतिदिन 1000 सैंपल के जांच की क्षमता है। पूर्वांचल में प्रवासियों के आने के बाद इस लैब में रोजाना 1700 तक सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं।
वाराणसी जोन के दस जिलों के सैंपल बीएचयू में आते हैं। यहां सबसे ज्यादा सैंपल जौनपुर से आ रहे हैं। जौनपुर जिले में मुंबई, गुजरात, दिल्ली व एनसीआर से लौटे प्रवासियों की संख्या 2.34 लाख से ज्यादा है। प्रदेश के किसी भी जिले में लौटे प्रवासियों की संख्या के मामले में यह सबसे ज्यादा है।
जौनपुर जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव पर नजर डाले तो 17 मई तक केवल 17 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। बीते 20 दिनों में कोरोना पॉजिटिव मामलों के आंकड़े 264 का आंकड़ा पार कर गए थे। शनिवार को ही इस जिले में 36 पॉजिटिव केस सामने आए थे।
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वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल खुद स्वीकार करते हैं सबसे ज्यादा प्रवासियों के जौनपुर में लौटने के कारण सिर्फ 20 दिन में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।
कमिश्नर के मुताबिक जौनपुर में देश के अलावा खाड़ी देशों में काम करने हजारों प्रवासी लौटे हैं। जौनपुर में कोरोना पॉजिटिव के जो मामले पाए हैं, उसमें से 90% प्रवासियों के हैं। हालांकि बाहर से आए प्रवासियों को क्वारंटीन व जांच करवाए जाने से सामुदायिक संक्रमण रुक गया है। जौनपुर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या को देखते हुए 450 बेड का लेवल-1 अस्पताल तैयार है। वाराणसी के बाद एल-1, एल-2 और एल-3 सुविधाओं में 1000 बेड की सुविधा के बाद दूसरा स्थान जौनपुर जिले का है।
जौनपुर के अलावा आजमगढ़ व गाजीपुर में भी देखने को मिला। आजमगढ़ और गाजीपुर में 17 मई तक 10 व 27 पॉजिटिव केस थे, 20 दिनों में 150 का आंकड़ा पार कर गया है। आजमगढ़ के एडीएम (वित्त और राजस्व) गुरु प्रसाद गुप्ता बताते हैं जिले में ट्रेनों और बसों से लौटे प्रवासियों की संख्या 83,000 से अधिक है।
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अनुमान के अनुसार पिछले डेढ़ महीने में प्रवासियों की कुल संख्या 1.50 लाख से ऊपर है। मऊ के डीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने का कहना है कि जिले में अब 65000 प्रवासियों का रेकॉर्ड तैयार किया गया है। इस जिले में 17 मई तक केवल तीन संक्रमितव व्यक्ति थे लेकिन अब संख्या 57 से ऊपर हो गई है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित देवरिया जो लाकडाउन के दौरान ग्रीन जोन में था। जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं था। लेकिन लाकडाउन खुलते ही कोरोना देवरिया पर इतना हावी हो चुका है कि करोना अपना भरपूर कहर बरपाता जा रहा है। पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण रुकने की बजाय बहुत तेजी से फैलता जा रहा हैं।
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सीएमओ के अनुसार जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 133 हो चुकी हैं। वहीं वाराणसी में 243, गोरखपुर में 141, संतकबीर नगर में 145 और बस्ती में 237 कोरोना संक्रमित मरीज हैं। हालांकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अधिकारी बड़ी मुस्तैदी के साथ काम कर रहे हैं लेकिन तेजी से बढ़ते संक्रमण के आगे उनके भी हाथ पांव फूल गए हैं।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश जहां कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए बचाव कार्य कर रहा है वहीं प्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक नई देवी ने जन्म ले लिया। जिसका नाम ‘कोरोना माई’ है। कुशीनगर और आजमगढ़ जिलों में औरतें कोरोना वायरस को भगाने के लिए ‘माता के नए अवतार कोरोना माई’ को खुश करने के लिए पूजा अर्चना कर रही हैं।
महिलाएं बाकायद कोरोना माई की पूजा करती हैं। लौंग, मिठाई व फ़ूल चढ़ाती है। अंधविश्वास के इस खेल को सोशल मीडिया से काफी बढ़ावा मिल रहा है। जिस वजह से यह आस-पास के कई जिलों व कई गांवों में फैलने लगा है। खासकर महिलाओं में कोरोना माई ने अपनी धाक जमा ली है।
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इनका दावा किया कि दो हफ्ते तक शुक्रवार को पूजा करने से गांव कोरोना संकट से मुक्त हो जाएगा। प्रदेश में अंधविश्वास, विज्ञान पर हावी होता जा रहा है। कोरोना की जागरुकता फैलने में सरकार अब तक करोड़ों खर्च कर चुकी है पर पूर्वांचल की महिलाएं अब सोमवार के पूजा की तैयारी कर रही हैं। हालांकि यूपी सरकार ने इस मुद्दे पर खामोशी आख्तियार कर रखी है।
कुशीनगर, आजमगढ़ पूर्वांचल के पिछड़े इलाके से आते हैं जहां अशिक्षा और गरीबी दोनों ने अपनी जड़ें जमा रखी हैं। अशिक्षित और मजबूरी की वजह से लोग अक्सर अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं। कोरोना वायरस जिस ढंग से बढ़ रहा है उससे पूरी प्रदेश में डर व्याप्त है। इसी डर ने लोगों के दिल दिमाग में कोरोना माई की जगह बनाई। बता दें कि आजमगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या से 156 है। जबकि कुशीनगर में 54 और मऊ में 62 कोरोना संक्रमित मरीज हैं।