न्यूज डेस्क
किसी को खोने का गम खोने वाले से ज्यादा कौन जान सकता हैं। इस गणतंत्र दिवस को भी कुछ ऐसा ही होने वाला हैं। इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक तरफ जहां लोग सेलिब्रेट कर रहे होंगे तो वहीं कुछ लोग दुखी होंगे। उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही से लेकर पुलिस महानिदेशक तक की आंख नम हो रही होगी।
आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या होने वाला है इस गणतंत्र दिवस को तो आइये हम बता देते हैं आपको। दरअसल इस बार 26 जनवरी की परेड में थ्री-नॉट-थ्री हमेशा के लिए यूपी पुलिस से विदा ले लेगी। इसके लिए एक शानदार विदाई समारोह का आयोजन भी किया जायेगा। तो वहीं, अब यूपी पुलिस इंसास राइफल का इस्तेमाल करेगी।
जारी किये गये एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी पुलिस के पास 58 हजार से अधिक .303 बोर राइफलें थीं। इन राइफलों के इस्तेमाल न करने का आदेश 1995 में ही जारी कर दिया गया था। लेकिन इस बार 26 जनवरी के मौके पर पहले की तरह .303 बोर राइफल की परेड होगी। इसके बाद उसके इस्तेमाल को बंद करने का ऐलान होगा।
बताया जाता है कि पहले विश्वयुद्ध में पहली बार प्रयोग में लाई गई इस राइफल को अंग्रेजों ने भी अपनाया था। इस राइफल की बुलेट में नौ इंच मोटी लोहे की चादर को भेदने तक की क्षमता रखती थी। जबकि पुलिस इस राइफल का इस्तेमाल साल 1945 से कर रही थी।
कनाडियन नागरिक ने किया था निर्माण
ब्रिटिश सरकार साल 1880 में अपनी आर्मी के लिए अच्छी राइफल की तलाश कर रही थी। इस बीच इनफील्ड कंपनी में काम करने वाले एक कनाडियन नागरिक जेम्स पेरिस ली ने .303 बोर राइफल का निर्माण किया। सबसे पहले इसका इस्तेमाल ब्रिटिश आर्मी ने पहले विश्वयुद्ध के दौरान किया था। जबकि भारत में इसका इस्तेमाल साल 1939 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान शुरू हुआ था।
साल 1945 में मिली यूपी पुलिस को
चीन और भारत के बीच साल 1962 में हुए युद्ध में भारतीय सैनिकों ने इसी राइफल के बूते चीनी सेना का मुकाबला किया था। इसके बाद इसमें मैगजीन लगाकर एक साथ छह फायर करने की क्षमता को विकसित किया गया। वहीं यूपी पुलिस को यह राइफल साल 1945 में दी गई थी। इससे पहले मस्कट 410 राइफलों का इस्तेमाल किया जाता था।
इंसास का उपयोग कारगिल में किया गया
वहीं, जो राइफल अब यूपी पुलिस को मिलने जा रही हैं इसका उपयोग 1999 में कारगिल के युद्ध में भी किया गया था। थ्री-नॉट-थ्री की अपेक्षा काफी कम वजन की होने के साथ यह चलाने में भी आसान है। इंसास राइफल 400 मीटर तक अचूक निशाना लगाने में सक्षम हैं। साथ ही इसमें दूरबीन व नाइट-विजन डिवाइस लगाने की भी व्यवस्था है।