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उत्तर प्रदेश के होमगार्ड्स के लिए एक बुरी खबर है। एडीजी के आदेश के बाद 25 हजार होमगार्ड की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया हैं। होमगार्ड को 25 दिन के बजाय अब 15 दिनों की ही ड्यूटी मिलेगी। दरअसल बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के होमगार्ड्स के वेतन को लेकर एक आदेश दिया था।
इसमें कोर्ट ने होमगार्ड जवानों का दैनिक वेतन यूपी पुलिस के सिपाही के बराबर करने की बात कही थी। इसके बाद होमगार्ड जवानों को राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन पुलिस महकमे के इस फैसले से अब उन्हें मायूसी हाथ लगी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए यूपी पुलिस होमगार्ड्स के जवानों से सहायता लेता था, लेकिन अब प्रदेश की पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया है। जी हां यूपी पुलिस ने इन 25 हजार जवानों की सेवाएं लेने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में एडीजी पुलिस मुख्यालय वीपी जोगदंड ने आदेश भी जारी कर दिया है।
होमगार्ड्स के खिलाफ लिए गये इस फैसले के पीछे योगी सरकार ने बजट का हवाला दिया है। सरकार ने बजट का हवाला देकर उनकी ड्यूटी को खत्म कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के बराबर वेतन दिए जाने के बाद बजट का भार बढ़ गया। इसी को बराबर करने के लिए होमगार्डों की छंटनी हुई है।
एडीजी के आदेश के बाद 25 हजार होमगार्ड की सेवा को समाप्त कर दिया गया हैं। एडीजी बीपी जोगदंड ने आदेश जारी किया है कि होमगार्ड्स की ड्यूटी को समाप्त करने का फैसला 28 अगस्त को मुख्य सचिव की बैठक में लिया गया था। अब तक 40 हजार होमगार्ड्स की ड्यूटी समाप्त की जा चुकी है। होमगार्ड को 25 दिन के बजाय अब 15 दिनों की ही ड्यूटी मिलेगी। इसके तहत 672 रुपए दैनिक वेतन के अनुसार उन्हें महज 10,080 रुपए ही मिलेंगे।
बता दें कि एक साल पहले गृहविभाग ने पुलिस के रिक्त पदों के स्थान पर 25 हजार होमगार्ड की तैनाती की थी। इनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से गड़बड़ाए बजट को संतुलित करने के लिए लिया गया है।
वर्तमान में प्रदेश में एक लाख 18 हजार होमगार्ड के पद हैं। इनमें से 19 हजार पद रिक्त हैं। अभी तक 92 हजार होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जा रही थी, जबकि होमगार्ड की कुल संख्या 99 हजार थी।