जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल गर्म है। इस बार का पंचायत चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। सभी दल पंचायत चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोकने में लगे हुए हैं।इसके अलावा कई ऐसे दल भी हैं जो पहली बार यूपी के पंचायत चुनाव में अपनी भागेदारी दिखाएंगे। इस बीच खबर है कि पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह सोमवार यानी आज शाम तक आरक्षण नीति की घोषणा कर सकते हैं।
दरअसल पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह, विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह और निदेशक किंजल सिंह आज शाम 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इस प्रेस कांफ्रेंस में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की स्थिति को स्पष्ट किया जा सकता है। गौरतलब है कि इलाहबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को ये निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव पूरे होने हैं।
बता दें कि इस बार हुए परिसीमन के बाद नए नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों की स्थिति काफी बदली बदली सी है। यही कारण है कि उम्मीदवार बड़ी बेसब्री से आरक्षण नीति का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, इस बार रोटेशन प्रणाली के आधार पर आरक्षण लागू हो सकता है।
ऐसे में अगर अगर 8 फरवरी यानी आज आरक्षण नीति की घोषणा हो जाती है तो राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का भी जल्द ही घोषित कर देगा। आरक्षण नीति आने के बाद आयोग को चुनाव करवाने में 45 दिन का समय लग सकता है।
कम हुई इतनी पंचायतें
इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में 2016 के मुकाबले 880 ग्राम पंचायतें कम होंगी। ऐसा नए परिसीमन की वजह से हुआ है। वहीं चुनाव में हो रही देरी की वजह के बारे में बताते हुए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान इस बात की जानकारी दी थी।
बीते 4 फरवरी को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। साथ ही 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों का प्रत्यक्ष चुनाव कराने की बात भी कही थी।