न्यूज डेस्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खनन घोटाले के आरोपित खनिकर्म विभाग के पांच अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इनमें शामली और कौशांबी में तैनात रहे दो सहायक भूवैज्ञानिक, हमीरपुर में तैनात रहे एक भूवैज्ञानिक और देवरिया में तैनात रहे खान निरीक्षक व सहायक भूवैज्ञानिक शामिल हैं। इन पर शासकीय नियमों को दरकिनार कर अवैध खनन कराने, निजी लोगों को फायदा पहुंचाने, राजकोष को नुकसान पहुंचाने, पट्टा नवीनीकरण में लापरवाही बरतने के आरोप हैं।
मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय में तैनात सीनियर डिलिंग इंजीनियर सुधीर दुबे को सौंपी है। जिन अफसरों की जांच के आदेश हुए हैं, उनमें शामली में तैनात रहे सहायक भूवैज्ञानिक डॉ एदल प्रसाद, कौशाम्बी में तैनात रहे सहायक भूवैज्ञानिक अर¨वद कुमार, हमीरपुर में तैनात रहे भूवैज्ञानिक/खान अधिकारी मुईनुद्दीन, देवरिया मे तैनात रहे खान निरीक्षक पंकज सिंह व देवरिया में ही तैनात रहे सहायक भूवैज्ञानिक/खान अधिकारी विजय कुमार मौर्य हैं।
चल रही है सीबीआइ जांच
खनन घोटाले में सीबीआइ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। यह मामला बसपा व सपा शासनकाल का है। अवैध खनन का कारोबार कर अफसरों ने करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। पट्टे की अवधि खत्म होने के बाद भी बालू-मौरंग का खनन चलता रहा। इस मामले में कई डीएम व एडीएम के खिलाफ भी जांच चल रही है।