जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को गैंगरेप मामले में दोषी करार दिया गया है. चित्रकूट की महिला से गैंगरेप के मामले में गायत्री प्रजापति को 15 मार्च 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
एमपी एमएलए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति के अलावा आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी गैंगरेप का दोषी करार दिया है।इसके साथ ही बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा अशोक तिवारी व आशीष शुक्ला को आजीवन कारावास और दो लाख का जुर्माना।
तीनों को धारा 376 डी एवं 5जी/6 पास्को एक्ट में दोषी करार दिया गया है। हालांकि अदालत ने इसी मामले में आरोपी रहे अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल व रुपेश्वर उर्फ रुपेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
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गायत्री प्रजापति ने इस मामले में खुद को बचाने के लिए हर संभव कोशिशें कीं। उन्होंने अदालत से मुक़दमे की तारीख आगे बढ़ाने की भी मांग की और इस केस को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर के लिए भी कहा।
गायत्री प्रजापति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी एमपी एमएलए कोर्ट की शिकायत करते हुए कहा कि अदालत ने बचाव के सबूत पेश करने की अर्जी को ही खारिज कर दिया है।
अदालत ने गैंगरेप मामले में विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेन्द्र सिंह, चन्द्रपाल और पिंटू को बरी कर दिया है। अदालत में गायत्री प्रजापति पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री और काफी बड़ी रकम देने का लालच देकर अपने पक्ष में गवाही देने के लिए राजी कर लिया है। अदालत में कहा गया कि पीड़िता ने दिल्ली कोर्ट में गायत्री के खिलाफ जो बयान दिया है उसे मंगाया जाए।
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