Saturday - 26 October 2024 - 9:09 PM

देश के शेयर बाजार में UP बना बड़ी ताकत

  • शेयर बाजार ने यूपी के निवेशकों को खूब लुभाया
  • यूपी के 52.3 लाख से अधिक इंवेस्टर एकाउंट शेयर बाजार में दर्ज

लखनऊ . पूर्ववर्ती सरकारों की गलत नीतियों के कारण बड़े निवेशक उत्तर प्रदेश में आने से कतराते थे। उद्योग स्थापना के लिए बिजली, कुशल मानव संसाधन आदि की किल्लत बनी रहती थी।

यहीं नहीं मफियाराज के कारण बड़े औद्योगिक घराने उत्तर प्रदेश को हमेशा अछूत समझते थे। उद्योगों की लाइसेंस लेने में ही लोगों का पसीना छूट जाता था।

सिर्फ जुगाड़ वालों को ही लाइसेंस मिलता था। ऐसे माहौल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साढ़े चार वर्ष पूर्व सूबे की सत्ता संभाली थी।

तब से अब तक सरकार के मुखिया ने योगी आदित्यनाथ ने उद्योगों के लिए प्रदेश का परिवेश बदलने का काम किया। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर उद्योगों की स्थापना और पूर्व से संचालित प्रतिष्ठानों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई।

तो देखते ही देखते अब उत्तर प्रदेश ना सिर्फ निवेशकों की पहली पसंद बन गया है , बल्कि शेयर बाजार में भी यूपी के निवेशक अप्रत्याशित प्रदर्शन कर रहे हैं।

जिसके चलते ही अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में यूपी के 50 लाख से अधिक निवेशक कारोबार कर रहे हैं। और देश के शेयर बाजार में उत्तर प्रदेश तीसरी ताकत बन गया है।

यह नया बदलाव है। अब महाराष्ट्र और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है। यूपी के 52.3 लाख इंवेस्टर अकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हैं।

बीते दो वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में यूपी से संबंधित निवेशक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से जुड़े हैं। बीएसई के अधिकारियों के अनुसार बीते 31 मई तक देश में कुल 6.9 करोड़ डीमेट खाते थे।जिसमें से 25 फीसदी खाते महाराष्ट्र से जबकि 85.9 खाते गुजरात से हैं। गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश से 52.3 लाख , तमिलनाडु 42.3 लाख और कर्नाटक से 42.2 लाख का नंबर है।इसके अलावा बंगाल से 39.5 लाख, दिल्ली से 37.3 लाख, आंध्र प्रदेश से 36 लाख, राजस्थान से 34.6 लाख, मध्य प्रदेश से 25.7 लाख, हरियाणा से 21.2 लाख, तेलंगन से 20.7 लाख, केरल से 19.4 लाख, पंजाब से 15.2 लाख और बिहार से 16.5 लाख डीमैट खाते हैं।

सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक साल से अधिक समय के लिए उपयोग नहीं किये जाने वाले डीमैट खातों को असक्रिय माना जाता है।

फिलहाल यूपी से शेयर बाजार में सक्रिय निवेशकों के डीमैट खाते बंद नहीं हुए हैं और लगातार यूपी से नए इन्वेस्टर अकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हो रहे हैं।

बीएसई के अधिकारियों के अनुसार ब्रोकरेज कंपनियों और शेयर बाजारों ने पिछले 18 महीनों के दौरान हर महीने 12 से 15 लाख नए डीमैट खाते खोले हैं।

इनमें से चालीस फीसदी डीमैट खाते बीएसई से जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा खोले गए। बीएसई ने पिछले 17 महीनों में सभी सदस्यों के लिए कुल मिलाकर लगभग 40 फीसदी निवेशक खाते जोड़े हैं।

निवेशकों के खातों में बढ़ोत्तरी दर्शाता है कि ऑटोमेशन और मोबाइल ट्रेडिंग से स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश देश के हर हिस्से में पहुंच गया है।

साढ़े चार वर्ष पूर्व यह स्थिति नहीं थी। तब शेयर बाजार में यूपी के लोगों की सक्रियता ना के बराबर थी,क्योंकि कारोबारी सक्रियता राज्य में कम थी।

वर्ष 2017 में सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विकास की ओर तेजी से उन्मुख किया। उसके बाद से उत्तर प्रदेश अब तेजी से विकास के पथ पर दौड़ रहा है।

आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी तेजी से छलांग लगाते हुए उत्तर प्रदेश आज दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है।

अब उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन इकोनॉमी वाला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में भी काफी इजाफा हुआ है।

उत्तर प्रदेश निवेशकों का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया है। कोरोना के बावजूद भारी मात्रा में यूपी में निवेश हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला लखनऊ उत्तर भारत का पहला शहर बन चुका है।

इसके साथ ही तीन अन्य शहरों के बांड की भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो चुके हैं। इसके चलते शेयर बाजार से जुड़ने का हौसला भी यूपी के निवेशकों में हुआ और देखते ही देखते उत्तर प्रदेश शेयर बाजार में तीसरी ताकत बन गया है।

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