जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश से रोजगार को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है। परिवहन विभाग ने इस योजना को तैयार किया है। इसके जरिए प्रदेश में गाड़ियों से फैलने वाले विषैले धुएं (प्रदूषण) से मुक्ति मिलेगी। साथ में 10वीं पास युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
योजना को लखनऊ समेत प्रदेश के समस्त जिलों में तहसील स्तर पर प्रदूषण जांच केन्द्र खोलने की है। इनकी संख्या 600 से अधिक बतायी जा रही है। इस योजना से 10वीं पास युवा सीधे जुड़ सकेंगे। प्रदूषण जांच की मशीनों का उत्पादन बढ़ने के साथ ही इसकी मेंटनेंस करने वाले 10 हजार से अधिक लोगों की आय में वृद्धि होगी।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी में अभी तक 75 प्रदूषण नियंत्रण केंद्र हैं। जबकि वाहनों की संख्या 20 लाख से ज्यादा बताई जा जाती है। यही वजह है कि गाड़ियों से निकलने वाले धुएं पर रोक लगाना सरकार के लिये बड़ी चुनौती बना हुआ है। एनजीटी भी प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जता चुका है।
अभी तक पेट्रोल टंकी या फिर मान्यता प्राप्त गैराजों समेत कुछ खास संस्थाओं को ही प्रदूषण जांच केंद्रों को खोलने की अनुमति मिलती थी लेकिन अब निजी क्षेत्रों में भी इसे खोले जाने की अनुमति दी गई है।
योजना में प्रदेश के हर थाने के अंतर्गत एक प्रदूषण जांच केंद्र खुलेगा। अगर कोई व्यक्ति सचल प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास अपना वाहन होना चाहिए। इसमें प्रदूषण जांच उपकरण फिट होना चाहिए।
इसे लेकर वह संभाग के अंर्तगत ग्रामीण बाजारों, तहसीलों, ब्लॉक और थाना क्षेत्रों समेत कई स्थानों पर वाहनों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी कर सकेंगे। इसकी आय से युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही सूबे को प्रदूषण से मुक्ति भी मिलेगी।
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