प्रमुख संवाददाता
लखनऊ । दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के 10 लाख मजदूरों को निकालकर उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है । मुख्यमंत्री ने टीम-11 की बैठक में अधिकारियों से कहा कि दूसरे राज्यों में काम करने के लिए गए मजदूर लॉक डाउन की वजह से परेशान हैं । काम धंधा बंद हो जाने की वजह से वह अपने घरों को लौटना चाहते हैं लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों की वापसी भी एक बड़ी चुनौती है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में रह रह 10 लाख मजदूरों में जो लोग 14 दिन के क्वारंटाइन की शर्त पूरी कर चुके हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उन्हें यूपी ले आया जाए । यहाँ लाने के बाद उन्हें 14 दिन के क्वारंटाइन में रखा जाए और उसके बाद फिर से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए । जो मजदूर पूरी तरह से स्वस्थ्य पाए जाएं उन्हें उनके घरों को भेज दिया जाए ।
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन राज्यों में हमारे लोग हैं वहां के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर इसका रोडमैप बनाकर तीन दिन के भीतर उनके सामने पेश कर दिया जाए ।
ताकि इस काम पर अमल शुरू हो सके । उन्होंने कहा है कि जब इन मजदूरों को वापस लाने का काम पूरा हो जाए उसके बाद उन मजदूरों की वापसी का इंतजाम होगा जो अपना काम बंद हो जाने किन वजह से अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि वापसी सबकी हो लेकिन मेडिकल प्रोटोकाल किसी भी मामले में टूटना नहीं चाहिए । जो भी व्यक्ति दूसरे राज्य से यूपी में आएगा उसे मेडिकल जांच के बाद क्वारंटाइन में तो रखा ही जाएगा । घर वापसी के बाद उनके लिए रोज़गार की व्यवस्था भी सरकार करेगी ।
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है जो विभिन्न राज्यों में फंसे इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों की वापसी का इंतजाम ऐसे समय में कर रहा है जबकि लॉक डाउन की वजह से परिवहन के सभी साधन पूरी तरह से बंद हैं । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोटा में फंसे 8 हज़ार छात्रों को निकालकर उत्तर प्रदेश लाया गया है । अब विभिन्न राज्यों से मजदूरों की वापसी का इंतजाम किया जा रहा है ।