जुबिली न्यूज़ डेस्क
यूपी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में लाखों की डील के मामले में आईएएस अधिकारी आईपी (ईश्वरी प्रसाद) पांडेय के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
इस बात की जानकारी नियुक्ति विभाग ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को आरटीआई के तहत दी है। बता दें कि नूतन ने आईपी पांडेय द्वारा उपाध्यक्ष, केडीए पद पर नियुक्ति के लिए पैसे के लेनदेन के कथित गंभीर भ्रष्टाचार के संबंध में सीएम से शिकायत की थी।
इसके बाद एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आरटीआई के जरिये इस शिकायत पर की गयी कार्यवाही की जानकारी मांगी थी। इस मामले में नियुक्ति अनुभाग-5 के जन सूचना अधिकारी ओ पी त्रिपाठी ने बताया है कि एसपी एसटीएफ द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांचआख्या दिनांक 22 मई 2020 में दोषी पाए जाने पर आईपी पाण्डेय के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रिया में चल रही है।
उन्होंने बताया कि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं आया है। अंतिम निर्णय होने तक आरटीआई एक्ट की धारा 8 के तहत सूचना उपलब्ध नहीं करायी जा सकती है।
इससे पहले नूतन ठाकुर ने कहा था कि एसटीएफ द्वारा इस प्रकरण में थाना विभूतिखंड में दर्ज मुकदमे को देखने से स्पष्ट है कि मामले में पाण्डेय की स्पष्ट भूमिका है क्योंकि पैसे का सारा लेनदेन उन्ही की पोस्टिंग के लिए हुआ था। अतः उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए।
बता दें कि एसटीएफ ने कानपुर विकास प्राधिकरण में पोस्टिंग के नाम पर पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था। इसकी जांच में सामने आया कि आईपी पांडेय ने अपने रिश्तेदार के जरिए कानपुर में तैनाती के लिए 15 लाख रुपये दिए थे। इस प्रकरण में एसटीएफ ने दलाल कथित पत्रकार पीयूष अग्रवाल, गौरीकांत व कमलेश को भी गिरफ्तार किया था।
इसके बाद तीनो से पूछताछ के बाद आईएएस आइपी पांडेय का नाम सामने आया था। जांच एजेंसी ने संदेह के घेरे में आए आईएएस अधिकारी के विरुद्ध अपनी जांच रिपोर्ट एक दिन पहले ही शासन को सौंपी है।