जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बीते कुछ सालों से उत्तर प्रदेश के खिलाडिय़ों का दबदबा विश्व खेल जगत में देखने को मिला है। ऐसे में योगी सरकार खेलों को लेकर अब पहले से ज्यादा गम्भीर लग रही है। योगी सरकार की कोशिश है कि यूपी के खिलाडिय़ों के पलायन को रोका जाये। इसके लिए सरकार यूपी में खेलों को लेकर एक रोड मैप तैयार कर रही है ताकि आने वाले वक्त में यहां से किसी भी खिलाडिय़ों को दूसरे प्रदेशों का रूख न करना पड़े। उधर सीएम योगी ने एक बड़ा एलान किया है।
उन्होंने कहा है कि खेलों के विकास और खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार का खजाना खुला हुआ है। ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ आदि प्रतियोगिताओं में पदक विजेता प्रदेश के खिलाडिय़ों को राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके साथ ही पदक विजेताओं पर लाखों, करोड़ों रुपये की धनवर्षा भी की जा रही है।
यह सिलसिला थमेगा नहीं। सीएम नागपंचमी पर मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि 1994 से क्रीड़ छात्रवास के खिलाडिय़ों की व्यय राशि नहीं बढ़ाई गई थी। उन्होंने कहा कि पहले खिलाडिय़ों की डाइट मनी 250 रुपये थी लेकिन उनकी सरकार ने 375 रुपये प्रतिदिन की।
योगी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, इसके लिए 1.50 लाख रुपये के मानदेय पर 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को बतौर प्रशिक्षक रखा जा जा रहा है।
योगी ने ये भी बताया कि खिलाडिय़ोंके लिए अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने के साथ ही एकलव्यक्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है। खेल को ब?ावा देने के लिए खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020 को प्राख्यापित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8.55 करो? रुपये की व्यवस्था की। जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 5 लाख, मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 15 लाख रुपये दिए जा रहे हैं।