जुबिली न्यूज़ डेस्क
प्रदेश सरकार भूमाफियाओं के कब्जे से और घरेलू जमीन विवाद को निपटाने के लिए पूरे प्रदेश में वरासत अभियान चलाने जा रही हैं। यह अभियान पूरे दो महीने तक चलेगा, जोकि 15 दिसंबर से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा।
इस अभियान के तहत जमीनों के उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज किये जाएंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव आर के तिवारी ने डीएम और कमिश्नर को अभियान के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत जिन लोगों को उत्तराधिकारियों में अपना नाम दर्ज कराना है वो आवेदक स्वयं घर बैठे ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र के जरिए आवेदन कर सकता है। राजस्व परिषद की वेबसाइट पर ‘राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली’ लिंक पर जाकर ‘उत्तराधिकार/वरासत के लिए आवेदन’ क्लिक कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि लेखपाल अपनी लॉग-इन आईडी से भी विवरण भर सकेंगे। आवेदन सब्मिट करते ही क्रमांक स्वत: जनरेट होकर हलका लेखपाल व संबंधित राजस्व निरीक्षक की आईडी पर पहुंच जाएगा। इसके बाद लेखपाल सत्यापन के तौर पर मृतक, विवाहिता, पुनर्विवाहिता की वरासत दर्ज करने की कार्यवाही करेंगे।
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि तय कैलेंडर के अनुसार, सभी मंडलायुक्त व डीएम अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे। दोनों अधिकारियों के साथ-साथ एडीएम स्थलीय सत्यापन करेंगे। अभियान के अंत में डीएम प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों का रैंडम सत्यापन कराएंगे। इसके लिए तहसील स्तर पर हेल्पलाइन व जन सुविधा केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
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वहीं इस अभियान की समाप्ति पर प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक (आरआई), तहसीलदार व उपजिलाधिकारी (एसडीएम) यह प्रमाणपत्र भी देंगे कि उनके क्षेत्र के राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने के लिए अब बाकी नहीं रह गया है।