जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। खेल संघों के प्रतिनिधियों से मिले महत्वपूर्ण सुझावों पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश खेल नीति को अंतिम रूप दिया गया है और जल्द ही इस नीति को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
यह जानकारी गुरुवार को गोमती नगर स्थित बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में खेल नीति को अंतिम रूप दिये जाने के लिए खेल संघों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने दी।
उन्होंने कहा कि नई खेल नीति के लागू होने पर ग्रामीण अंचलों से खेल प्रतिभाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षण के साथ खेल से संबंधित सभी सुविधाएं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि खेल गतिविधियों से संबंधित खेल कैलेंडर तैयार कराने के साथ अन्य राज्यों की तरह यहां भी खेल प्राधिकरण गठित होगा और प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भी खुलेगा।
उन्होंने कहा कि इस नीति से ओलम्पिक गेम्स में प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाने में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना होगा। वहीं स्थानीय स्तर पर बहुत सारे प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए तैयार करना होगा।
इसके अलावा अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने बताया कि खिलाड़ियों को विदेशी फिजियो, मनोवैज्ञानिक और विदेशी कोचो की नियुक्ति पर खेल विकास कोष की धनराशि खर्च की जायेगी। इसके लिए नई खेल नीति के तहत 100 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ प्रदेश खेल विकास कोष बनेगा।
इससे अन्य देशों में खेलने के लिए जाने वाले खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता और खिलाड़ियों को विदेशी प्रशिक्षण शिविर के लिए मदद की जाएगी।
इसके साथ ही पीपीपी मॉडल पर खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को खेल संघों को खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी आर्थिक सहायता मिलेगी और सभी जिलो में जिला खेल केंद्र बनेंगे।राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले आवासीय खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण के लिए अगले पांच वर्षों में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के साथ प्रदेश में पांच स्थाई परफार्मेंस सेंटर भी स्थापित होंगे।
इसके साथ हर मंडल मुख्यालय पर फीजियो, ट्रेनर एवं डायटीशियन की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ जिललो में खेल प्रतिभाओं के खोज के लिए टैलेंट सर्च कमेंटी का गठन होगा। नवनीत सहगल ने बताया कि खेल नीति के तहत हर गांव में खेल का मैदान स्थापित कराया जायेगा।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र को मिलाकर वर्तमान में लगभग 30 हजार खेल के मैदान प्रदेश में है। इनको 60 हजार तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है । साथ प्रस्तावित नीति में कई नये प्राविधान भी किये गये है। प्राइवेट स्पोर्ट्स एकेडमी को भी वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही स्पोर्टस कालेजों में बच्चों का चयन समिति के माध्यम से कराये जाने का प्राविधान नीति में किया गया है।