Tuesday - 29 October 2024 - 3:43 PM

शराब के शौकीनों के लिए सरकार ने जारी की नई आबकारी नीति

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति जारी कर दी है। सरकार की तरफ से जारी नई नीति के तहत अगर आप घर में तय मात्रा से ज्यादा शराब रखना चाहते हैं तो आपको यूपी सरकार के आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना पड़ेगा।

लाइसेंस के तौर पर हर साल आपको 12 हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा कराना होगा। इतना ही नहीं आपको 51 हजार रुपये आबकारी विभाग के पास बतौर सिक्योरिटी जमा करना होगा।

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सरकार ने साल 2021-22 में आबकारी विभाग से 34 हजार पांच सौ करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत राज्य में शराब उत्पादन का प्रोत्साहन किया गया है।

अबकारी के नई नीति मेंदेसी व अंग्रेजी शराब की लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। जबकि बीयर की फुटकर दुकानों की लाइसेंस फीस नहीं बढ़ाई गई है। वहीं पहली अप्रैल से अंग्रेजी शराब महंगी हो जाएगी। एक मोटे अनुमान के अनुसार अंग्रेजी शराब के लोकप्रिय ब्रांड के क्वार्टर पर लगभग पांच रुपये की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा देसी शराब अब टेट्रा पैक में भी बिकेगी।

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प्रदेश सरकार ने देसी शराब के अधिकतम विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है मगर टेट्रा पैक में देसी शराब का पउवा अब 85 रूपये का मिलेगा।

नई आबकारी नीति के मुताबिक अभी लाइसेंसी दुकानों से देसी शराब का पउवा पेट बोतल यानि प्लास्टिक की बोतल में बिकता है। देश में बनी और विदेशों से आने वाली अंग्रेजी शराब और बीयर के महंगे ब्राण्ड अब हवाई अड्डों पर खुलने वाले प्रीमियम रिटेल वेण्ड (स्टोर ) में भी मिलेंगे।

वहीं आपको ये भी बता दें कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में बीयर की एमआरपी ज्यादा होने और कोरोना वायरस महामारी की वजह से बीयर की खपत प्रभावित होने के मद्देनजर बीयर पर प्रतिफल शुल्क को सरकार द्वारा कम कर दिया गया है।

बीयर की शेल्फ लाइफ नौ महीने तक होगी। इसके अलावा फुटकर दुकानों से पीओएस मशीन के जरिए बिक्री करने की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। साथ ही फुटकर दुकानों पर भी ई पोस मशीन अब अनिवार्य होगी।

वहीं आबकारी नीति के तहत राज्य में उत्पादित फल से निर्मित शराब पर प्रतिफल फीस नहीं लगाई जाएगी, जो कि आगामी पांच साल तक ऐसे ही रहेगा। साथ ही अब विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी।

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आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा।

इसके लिए निर्धारित शर्तो के अधीन प्रत्येक वर्ष 12,000 रुपए लाइसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि 51,000 रुपए जमा करनी पड़ेगी। नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर मे सिर्फ छह लीटर मदिरा के क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने की सीमा निर्धारित है। इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा।

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