प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और संस्कृत विद्यालय खोलने की बात कई बार कह चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर कोरोना संक्रमण और डेंगू की रोकथाम के लिए बुलाई बैठक का प्रेस नोट संस्कृत में जारी कर भविष्य में अपने काम करने के तरीके की तस्वीर पेश कर दी. उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री का संस्कृत में प्रेस नोट आया हो.
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने जनमानस में कोरोना संक्रमण की रोथाम के लिए उन्हें जागरूक करने की बात कही. सीएम योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निजात पाना इतना मुश्किल काम भी नहीं है. इसके लिए स्वच्छता के सूत्र को अपनाना होगा. मुंह पर मास्क लगाकर रहा जाए और दो लोगों के बीच दूरी बनाकर रखी जाए तो कोरोना कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है.
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर यह बैठक अनलाक व्यवस्था की समीक्षा के लिए बुलाई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कोरोना की दवा नहीं आ जाती है तब तक पूर्ण रूप से सतर्क रहना ही इसका उपचार है. उन्होंने कहा कि पूर्ण सतर्कता के बावजूद जरा सा भी लक्षण नज़र आये तो फ़ौरन कोरोना की जांच करानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारीयों को निर्देशित किया कि यह कोरोना काल चल रहा है लेकिन डेंगू भी दस्तक देने लाग है. डेंगू की रोकथाम के लिए अधिकारी तत्काल कदम उठायें. अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि कानपुर नगर, मेरठ, बस्ती और वाराणसी में डेंगू तेज़ी से क्रियाशील हो रहा है. इस पर फ़ौरन अंकुश की ज़रूरत है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिकों को सामजिक और आर्थिक सुरक्षा के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कर्मकर श्रमिक आयोग का गठन किया जाए. जिलों में इस आयोग के सम्बन्ध में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक होगी और निर्णय लिए जायेंगे.