न्यूज डेस्क
यूपी की योगी सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में लाखों की डील के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत आईएएस अधिकारी ईश्वरी प्रसाद पांडेय के विरुद्ध कार्रवाई की है। आबकारी विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात पांडेय को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
एसटीएफ ने कानपुर विकास प्राधिकरण में पोस्टिंग के नाम पर लेनदेन कर रहे तीन आरोपितों को हाल ही में गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आईपी पांडेय ने अपने रिश्तेदार के जरिए कानपुर में तैनाती के लिए 15 लाख रुपये दिए थे।
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एसटीएफ ने प्रकरण में दलाल कथित पत्रकार पीयूष अग्रवाल, गौरीकांत व कमलेश को गिरफ्तार किया है। तीनों से पूछताछ में जांच एजेंसी के सामने आईएएस आइपी पांडेय का नाम आया। जांच एजेंसी ने संदेह के घेरे में आए आईएएस अधिकारी के विरुद्ध अपनी जांच रिपोर्ट एक दिन पहले ही शासन को सौंपी है।
एसटीएफ द्वारा ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़ा खेल पकड़े जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने आईपी पांडेय के खिलाफ रविवार को कार्रवाई करते हुए उन्हें आबकारी विभाग के विशेष सचिव के पद से हटा दिया गया। रविवार का अवकाश होने के बावजूद नियुक्ति विभाग ने पांडेय को राजस्व परिषद से संबद्ध करने का आदेश जारी किया है।
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इस संबंध में पांडेय से मोबाइल पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। दरअसल, कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार ने इन दिनों आईपी पांडेय को मिर्जापुर का नोडल अधिकारी बना रखा है।