स्पेशल डेस्क
लखनऊ। रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार आजम खान को बड़ा झटका दिया है।
दरअसल इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दर्ज मुकदमा रद्द करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि आजम फर्जी प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की जिला अदालत में मुकदमा चल रहा है।
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इसके बाद दायर याचिका में केस और चार्जशीट दोनों रद्द करने की गुहार लगायी गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने आजम को तगड़ा झटका दिया है।
उधर हाईकोर्ट ने इस मामले पर कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है। इसके साथ ही आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे मो. अब्दुल्ला आजम खान को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
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क्या था मामला
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र को लेकर ही सारा विवाद है। दरअसल इस मामले में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना रामपुर के गंज थाने में केस दाखिल कराया था।
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इसके बाद अब्दुल्ला आजम के खिलाफ तथ्यों को को छुपाकर पासपोर्ट बनवाने के आरोप में सिविल लाइंस कोतवाली की पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 (1 ए) के तहत 30 जुलाई 2019 को मुकदमा दर्ज किया था।
बता दें कि अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक चुने गए थे।
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अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, जबकि बसपा के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे। इस मामले में वर्ष 2017 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता नवाब काजिम अली ने चुनाव याचिका दायर की थी।