जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली महंगी होने वाली है। दरअसल नये साल में उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। जानकारी के मुताबिक राज्य विद्युत नियामक आयोग में सोमवार को बिजली कंपनियों की ओर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) और बिजली दरों को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया है।
उधर जब से आम लोगों को खबर हुई तब से लोग सरकार से काफी नाराज हो गए है। लोग बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि के विरुद्ध में है और इसके लिए राज्यपाल को पत्र लिखा जा रहा है ताकि ये प्रस्ताव वापस लिया जाये। स्थानीय मीडिया की माने तो इस पूरे मामले पर लोगों में गुस्सा है और राज्यपाल को समाजवादी व्यापार सभा ने ज्ञापन दिया गया है। इस ज्ञापन में बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि के विरुद्ध जताया गया है।
इसमें कहा गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के निर्देश पर बिजली कंपनियों ने 2023/24 के लिए सभी श्रेणियों की दरों में कुल 15.85 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की है।सबसे ज्यादा 18 से 23 प्रतिशत की वृद्धि घरेलू श्रेणी में प्रस्तावित है। उद्योगों के लिए 16,वाणिज्यिक के लिए 12 तथा कृषि के लिए 10/12 प्रतिशत की वृद्धि की तैयारी है।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि बीपीएल तक को नहीं बक्शा जा रहा और उन उपभोक्ताओं की दरों में 17 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। वहीं बिजली मूल्यवृद्धि के प्रस्ताव से पूरा प्रदेश आक्रोशित है। व्यापारी,किसान,मजदूर सब त्राहि त्राहि कर रहे हैं। यह मूल्यवृद्धि पहले से ही बर्बाद उत्तर प्रदेश को और बर्बाद करेगी।बिजली मूल्यवृद्धि वापस नहीं हुई तो प्रदेश का हर वर्ग अपने को ठगा महसूस करेगा।
यह उद्योग, व्यापार, गरीब, किसान व आम जनता की कमर तोडऩे वाला निर्णय है। यह न तो न्याय संगत है और न ही तर्क संगत। औद्योगिक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अन्य प्रदेशों में काफी पिछड़ा हुआ है। बिजली की दरें ब? जाने से उद्यमी और व्यापारी के उत्पाद की कीमतें बढ़ जाएंगी।
इससे महंगाई में इजाफा होगा। इससे उद्यमियों व व्यापारियों को झटका लगेगा।विधानसभा चुनाव से पहले योगी जी ने तो बिजली दरें आधी करने का वादा किया था।चुनावी वादे अनुसार उम्मीद थी कि महंगाई से राहत मिलेगी लेकिन उलटा हो रहा है। बिजली दरें ब?ाकर सरकार आफत देने को तैयार है। योगी सरकार की प्रस्तावित बिजली दरों में बढ़ोतरी का झटका आम आदमी को मारने का काम करेगा।
सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा की सरकार नारे के उलट काम कर रही है। इस समय भाजपा का नारा है सबका साथ पूंजीपतियों का विकास।
इस समय भाजपा की सरकार राहत देने की जगह ज़ख्मों पे नमक छिडक़ने का काम कर रही हैं। समाजवादी व्यापार सभा की प्रदेश सरकार से कड़े शब्दों में मांग है कि इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाए। बिजली की दरें बढ़ा कर आम आदमी, व्यापारी,किसान,मजदूर को मारने का काम ना करें और प्रस्तावित मूल्यवृद्धि वापिस लें ।