जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होना है। ऐसे में राजनीतिक दल अपने कुनबे को और मजबूत करने में जुट गए है। बीजेपी लगातार जमीनी स्तर पर अपनी पार्टी को मजबूत कर रही है तो दूसरी ओर सपा और कांग्रेस भी जनता के बीच लगातार सक्रिय है।
उधर समाजवादी पार्टी किसी भी बड़े दल के साथ गठबधंन नहीं करेगी लेकिन छोटे दलों के साथ लेने की बात कह रही है। राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव लडऩे की बात कई मौकों पर कह चुकी है लेकिन अभी तक दोनों के बीच गठबंधन नहीं हो सका है।
जानकारी के मुताबिक दोनों दल 21 नवंबर को गठबंधन का ऐलान करने वाले थे लेकिन अब ये आगे बढ़ा दिया गया है और इस महीने के अंत तक गठबंधन का ऐलान हो जाएगा।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों ऐसा हुआ है। दरअसल दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर अभी तक बात नहीं बन सकी है। जयंत चौधरी ने कल कहा था कि कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्री य अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात होती रहती है. हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
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गठबंधन के मुद्दे पर हम एक साथ बैठेंगे और एक साथ ही घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि सीटों के मुद्दे पर इस महीने के अंत तक फैसला ले लिया जायेगा।
इस वजह से नहीं हुआ अब तक गठबंधन
राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के बीच तालमेल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि राष्ट्रीय लोकदल यूपी में 50 सीटों पर चुनावी दंगल उतरना चाहता है लेकिन समाजवादी पार्टी उसे केवल 30 सीट देने को तैयार है।
उधर राष्ट्रीय लोकदल को कांग्रेस भी अपनी तरफ लेना चाहती है। बसपा की कोशिश है कि वो राष्ट्रीय लोकदल को अपनी ओर ले। इसके लिए बसपा और कांग्रेस से लगातार गठबंधन के लिए ऑफर दे रहे हैं।
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चरथावल की सीट को लेकर दोनों दलों के बीच आम राय नहीं बन सकी है। चरथावल सीट से सपा हरेंद्र मलिक को उतराना चाहती है जबकि रालोद भी ये सीट चाहता है।