जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने शिक्षामित्रों को कोई राहत नहीं दी। अदालत ने कटऑफ को 60-65 फीसदी ही फिक्स रखा है।
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने ये कहा ही कि अगले साल होने वाली परीक्षा में भी शिक्षा मित्र बैठ सकते हैं।
यह मामला परीक्षा के बीच में कटऑफ बदलने का है। अदालत ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को 37339 शिक्षकों के पद भरने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से शिक्षा मित्रों की किस्मत का फैसला होने वाला था।
यूपी सरकार ने 31 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब भी प्रदेश में 44 हजार पद खाली पड़े हैं।
पहले भर्ती परीक्षा का कटऑफ रिजर्व कैटिगरी के लिए 40-45 प्रतिशत फिक्स किया गया था, लेकिन बाद में परीक्षा के बीच में ही इसे बढ़ाकर 60-65 फीसदी कर दिया गया।
इस बात से शिक्षा मित्र नाराज हो गए थे और वे सुप्रीम कोर्ट का रुख किए। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को बदलने से इनकार कर दिया है। शिक्षा मित्रों के पास अब अगले साल फिर से परीक्षा देकर अच्छे मार्क्स लाने का ही रास्ता बचा है।
ये भी पढ़े: यूपी में छठ घर पर मनाने की अपील, सरकार ने जारी की ये गाइडलाइन
ये भी पढ़े: आईआरसीटीसी ने तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन क्यों रद्द किया?
ये भी पढ़े: आधी रात को क्यों हटाए गए पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय
मालूम हो कि 9 जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 37339 शिक्षा मित्रा भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे इसलिए इतने पद छोड़कर बाकी पर भर्ती की जा सकती है। इसके बाद यूपी सरकार ने 31 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिनमें से अब तक 28 हजार शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है।
ये भी पढ़े: इस RJD नेता ने बतायी सुशील मोदी से BJP ने क्यों किया किनारा
ये भी पढ़े: यूपी में इतनी तारीख से खुलेंगे कॉलेज- विश्वविद्यालय
ये भी पढ़े: पटाखे, सिस्टम और समाज के बीच दो बच्चियों की दास्तान
इन भर्तियों पर भी रोक लगाने की भी सुप्रीम कोर्ट में मांग की गई है। शिक्षा मित्रों का दावा है कि परीक्षा में लगभग 45 हजार शिक्षक शामिल हुए थे जिसमें पहले के कटऑफ के मुताबिक 37 हजार लोग पास हो रहे हैं। हालांकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुताबिक केवल 8 शिक्षामित्र ही 40-45 के कटऑफ को पार कर पाए थे।