जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगर कोई अधिकारी तबादलों को लेकर सवाल उठाता है तो उसको बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। जी हां ये बात एक दम सच है। दरअसल उत्तर प्रदेश में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
जहां पर एक डीआईजी को उसके पद से सस्पेंड कर दिया गया है। इस डीआईजी का जुर्म केवल यह था कि उसने यूपी में हुए जिला कमांडेंट
के तबादलों को लेकर अपनी जु़बान खोली थी और सवाल उठाया था।
इसका नतीजा यह रहा कि उनको सस्पेंड कर दिया गया है। इतना ही नहीं आनन-फानन में बीती दे रात को फरमान जारी हो गया है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने डीआईजी होमगार्ड, झांसी (बुंदेलखंड) संजीव कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया है। दरअसल, जून माह में बड़े पैमाने पर होमगार्ड जिला कमांडेंट के तबादलों को लेकर सवाल उठाए थे।
क्या है पूरा मामला
यूपी होमगार्ड विभाग के ऑफिसर्स एसोसिएशन का एक ग्रुप व्हाट्सएप पर बना हुआ है। इस गु्रप में कई बड़े अधिकारी जुड़े हुए है। इसी ग्रुप पर डीआईजी संजीव कुमार शुक्ला ने तबादले को लेकर होमगोर्ड अधिकारियों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर कुछ संदेश चलाए थे।
उनके द्वारा चलाया गया संदेश उनपर भारी पड़ गया। बताया जा रहा है कि संजीव कुमार शुक्ला ने अनावश्यक रूप से अधिकारियों को भड़काने की कोशिश की है। इन तबादलों को लेकर इसके साथ उन्होंने मीडिया से बात की थी जो उनके निलंबन का बड़ा कारण बनी है।
उन्होंने लिखा था, ये ट्रांसफर नीति गलत है और गलत तरीके से अफसरों का ट्रांसफर हुआ है। इस ग्रुप में 97 अफसर जुड़े हुए हैं और इनमें से 86 सीनियर अफसरों ने डीआईजी का समर्थन किया था, जबकि 11 लोगों ने तबादलों को सही ठहराया था। इसी बात को लेकर ग्रुप में खूब बहस हुई थी।
इसलिए हुई कार्रवाई
उधर उनके निलंबन को लेकर अपर मुख्य सचिव, होमगार्ड अनिल कुमार ने कहा है कि आचरण नियमावली के तहत डीआइजी संजीव कुमार शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।
शासन पूरे मामले पर कहा है कि यह तबादले सभी नियमों के अनुरूप किया गया था। ऐसे में पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टा डीआइजी आचरण नियमावली के तहत दोषी पाए गए हैं। इस वजह से उनको निलंबित किया गया है।