जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ, अब तक ब्राह्म्ण और दलित मतों को सहेजने को में जुटी कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेगी। जाति जनगणना को लेकर राहुल गांधी की मांग को लेकर आगे बढ़ते हुए यूपी कांग्रेस इसकी मांग उठाएगी। सामाजिक न्याय की लड़ाई के अगुवाकारों में रहे दिवंगत नेता चंद्रजीत यादव की पुण्यतिथि के मौके पर यूपी कांग्रेस इस अभियान की शुरुआत करने जा रही है। कांग्रेस जोर-शोर से यूपी में जाति जनगणना का मांग को उठाएगी। सामाजिक न्याय की इस लड़ाई की कमान यूपी कांग्रेस में पिछड़ी जाति के नेताओं के हाथों में होगी।
सामाजिक न्याय और जाति जनगणना की लड़ाई की तैयारी के क्रम में यूपी कांग्रेस कई पिछड़ी जाति के नेताओं व उनके समाज के प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठक कर चुके हैं। विभिन्न पिछड़ी जातियों के लोगों के साथ कांग्रेस की बैठकों का दौर बीते कई महीनों से जारी है।
यूपी कांग्रेस में संगठन सचिव अनिल यादव बताते हैं कि देश में जिन चार राज्यों में पार्टी अपने बूते सत्ता में है उनमें से तीन में पिछड़ी जाति के नेताओं को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। कर्नाटक में हाल ही में कांग्रेस ने वहां की पिछड़ी कुरुबा जाति के सिद्धारमैय्या को मुख्यमंत्री बनाया है। राजस्थान में अशोक गहलोत कांग्रेस की सरकार के मुखिया हैं जो सैनी, मौर्य कुशवाहा या माली समुदाय से आते हैं।
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इसी तरह कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कुर्मी बिरादरी के भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया है। इतना ही नहीं हाल के कुछ वर्षों में कांग्रेस के शीर्ष पदों पर भी पिछड़ी जाति के नेताओं को खासी अहमियत दी गयी है। अब से पहले यूपी में भी कांग्रेस ने पिछड़ी जाति कांदू से अजय कुमार लल्लू को मुखिया बनाया था।
अनिल का कहना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नारा दिया है कि जितनी आबादी उतना हक़ और इसी को लेकर यूपी में पार्टी आगे बढ़ने जा रही है। हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि जातीय जनगणना हर वर्ग को सही प्रतिनिधित्व देने का आधार है और वंचितों का अधिकार है। यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने टिकट वितरण से लेकर पदों के निर्धारण में पिछड़ी जाति को उचित भागीदारी है। प्रदेश कांग्रेस में फ्रंटल संगठनों के प्रमुख पदों पर पिछड़ी जातियों की 50 फीसदी के लगभग हिस्सेदारी है।
मंगवार को चंद्रजीत यादव की पुण्यतिथि के मौके पर होने जा रहे यूपी कांग्रेस के सम्मेलन में जाति जनगणना व सामाजिक न्याय की लड़ाई को लेकर रणनीति तय की जाएगी और आगे के कार्यक्रमों की रुपरेखा बनायी जाएगी। सम्मेलन को कांग्रेस के पिछड़ी जातियों के नेता ही संबोधित करेंगे और आयोजन का भी जिम्मा उन्हीं को सौंपा गया है।
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अनिल यादव का कहना है कि जाति जनगणना को लेकर जहां बहुजन समाज पार्टी ने चुप्पी साध रखी है वहीं समाजवादी पार्टी भी ट्वीट व बयानों तक सीमित है। इसके उलट कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क पर लेकर जाएगी और आंदोलन भी करेगी।