डॉ. उत्कर्ष सिन्हा
भले ही यूपी विधानसभा की लड़ाई को आम जनता बजापा बनाम सपा देख रही है उस वक्त यूपी की राजधानी लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में गहमागहमी बढ़ रही है।
शनिवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अनिल यादव सहित कई नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली और पार्टी में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है।
पंचायत चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की रिपोर्ट को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साफ नकारते हैं । पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मीडिया की इन रिपोर्ट्स को नकारते हुए कहते हैं कि हमारे 250 उम्मेदवार जीते हैं, 535 दूसरे स्थान पर रहे और 700 से ज्यादा तीसरे स्थान पर रहे। लालू का दावा है कि पंचायत चुनावों में कांग्रेस को एक करोड़ से ज्यादा वोट मिले हैं।
लंबे समय से यूपी में कांग्रेस का संगठन मृतप्राय पड़ा हुआ था लेकिन बीते एक साल में पार्टी ने ब्लाक स्तर तक अपना संगठनात्मक ढांचा खड़ा कर लिया है और अगले एक महीने में न्याय पंचायत स्तर पर पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी जाएगी।
संगठन स्तर हुए कामों के बारे में बताते हुए यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह कहते हैं – हमने बीते डेढ़ सालों में पार्टी को गावों तक पहुँच दिया है और अब हमारे पास हर ब्लाक में करीब एक हजार सक्रिय कार्यकर्ता खड़े हो चुके हैं।
यूपी की कमान सम्हाल रही प्रियंका गांधी का यूपी में जम कर रहने का कार्यक्रम भले ही टलता जा रहा है मगर वे फोन के जरिए जिलाध्यक्षों से लगातार बात कर उम्मीदवारों की तलाश कर रही हैं। बताया जा रहा है कि मई के महीने से लेकर अब तक वे करीब डेढ़ दर्जन जिलाध्यक्षों ने बात की है और उनसे हर विधानसभा सीट पर चार चार संभावित उम्मीदवारों की तलाश करने को कह रही है।
पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने अब तक करीब 50 सीटों पर संभावित उम्मीदवार तलाश लिए हैं और जुलाई के अंत तक ये संख्या 150 तक हो जाएगी।
इन उम्मीदवारों के नाम की औपचारिक घोषणा भले ही न की जाए लेकिन इन्हे हरी झंडी दे दी जाएगी और चुनावी तैयारियों में जुटने को कह दिया जाएगा।
अजय लल्लू के रूप में लंबे समय बाद यूपी कांग्रेस को एक ऐसा अध्यक्ष मिला है जिनकी गिरफ़्तारी अब एक रिकार्ड बन चुकी है। अपने 20 महीनों के कार्यकाल में अजय लल्लू करीब 50 बार गिरफ्तार हो चुके हैं और करीब करीब हर मुद्दे पर वे प्रदर्शन करने निकल पड़ते हैं।
यह भी पढ़ें : अब मुकुल रॉय को नहीं है कोई खतरा, सिक्योरिटी हटाने के लिए लिखा पत्र
यह भी पढ़ें : …तो अब एनसीपी के लिए काम करेंगे प्रशांत किशोर?
कांग्रेस के नेता ये मान रहे हैं कि कोरोना संकट के कारण ब्रांड मोदी की चमक भी हल्की पड़ी है और योगी सरकार के प्रति भी लोगों की नाराजगी बहुत ज्यादा बढ़ी है । इस बीच राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार पर लगातार हमला बोल कर एक माहौल बनाया है और बढ़ती बेरोजगारी और खराब होती अर्थव्यवस्था के कारण सरकार से बढ़ती नाराजगी का फायदा पार्टी को जरूर होगा।
अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि शहरी प्रबुद्धजनों के बीच में उसे भाजपा के एक मजबूत प्रतिद्वंदी के रूप में स्वीकार किया जाए और यूपी के चुनावों को त्रिकोणात्मक बनाया जा सके।