न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सुहेलदेव भारतीय समज पार्टी (सुभासपा) के रिश्ते भी पूरी तरह से ख़त्म हो गए हैं। बीजेपी और योगी सरकार ने राजभर से अलग होने का मन पूरी तरह से बना लिया है।
जानकारी के अनुसार, सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटा दिया गया है। सीएम योगी ने ओमप्रकाश राजभर को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी, जिसके बाद राज्यपाल राम नाईक ने ओमप्रकाश राजभर को तात्कालिक प्रभाव से पद मुक्त कर दिया है। इसका ओमप्रकाश राजभर ने स्वागत किया है।
इतना ही नहीं ओपी राजभर के जिन नेताओं को राज्य में मंत्री पद का दर्जा दिया गया था, उन्हें योगी आदित्यनाथ ने वापस लेने की सिफारिश कर दी है। जिसके बाद राजभर के साथ 5 निगमों में सुहेलदेव समाज पार्टी के 7 अध्यक्ष पद मुक्त हो गए हैं। ओम प्रकाश राजभर के साथ-साथ उनके बेटे अरविंद राजभर की भी निगम के अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी है।
आज #UPCM @myogiadityanath जी ने महामहिम श्री राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 20, 2019
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं सभी को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। बता दें कि ओपी राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे।
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दरअसल, पूरी रार लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुई थी। राजभर बीजेपी से दो सीटें मांग रहे थे। बीजेपी ने उन्हें घोसी लोकसभा सीट से उनके बेटे अरविंद राजभर को अपने टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था। इस ऑफर को राजभर ने यह कहकर ठुकरा दिया था कि बीजेपी उनकी पार्टी का अस्तित्व ही खत्म करना चाहती है।
इसके बाद 13 अप्रैल को राजभर ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया। इसके बाद राजभर ने बीजेपी के खिलाफ 39 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। इतना ही नहीं जहां-जहां उसके उम्मीदवार का पर्चा खारिज हुआ वहां उन्होंने गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन दे दिया।
डेढ़ महीने तक चले लोकसभा चुनाव के दौरान राजभर लगातार बीजेपी पर हमलावर रहे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भा कहा कि अब उनका बीजेपी से कोई रिश्ता नहीं है और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, लेकिन सरकार उसे स्वीकार नहीं कर रही है।
इतना ही नहीं राजभर ने चुनाव आयोग से यह शिकायत भी की कि बीजेपी उनकी तस्वीर का उपयोग चुनावी लाभ पाने में कर रही है। उधर एक रणनीति के तहत बीजेपी ने राजभर के हमलों पर कभी कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी।
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इससे पहले 23 मई को चुनाव परिणाम आने से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भविष्यवाणी की है कि यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन को 50 से 60 सीटें मिलेंगी।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा, ‘इस बार किसी भी दल को देश में पूरा बहुमत नहीं मिलेगा। लेकिन पूर्वांचल में सपा-बसपा के गठबंधन को भारी जीत मिलेगी। पूर्वांचल की कम से कम 30 सीटों पर हमारा साथ न मिलने से बीजेपी को प्रभाव पड़ेगा। गोरखपुर, गाजीपुर और बलिया सीट बीजेपी हार रही है।’