अशोक बॉम्बी
उत्तर प्रदेश की अंडर 16 टीम को विजय मर्चेंट ट्रॉफी जीतने की अग्रिम बधाइयां।
वैसे तो मैच अभी समाप्त नहीं हुआ है लेकिन प्रदेश टीम ने 16 रन की प्रथम पारी में महत्वपूर्ण बढ़त प्राप्त कर ली और आज खेल का अंतिम दिन है तो इस प्रकार से उत्तर प्रदेश की टीम की जीत लगभग तय है।
प्रदेश के इन युवा खिलाड़ियों ने यह दर्शा दिया है की उत्तर प्रदेश में नैसर्गिक खिलाड़ियों की कमी नहीं है और वे राष्ट्रीय चैंपियनशिप जितने में सक्षम है ।
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के लिए यह सप्ताह बहुत अच्छा रहा है जहां रणजी ट्रॉफी टीम ने बिहार को एक पारी से हराकर अच्छी जीत दर्ज करी वही सी के नायडू ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की टीम ने उच्च स्तरीय प्रदर्शन करते हुए गुजरात के खिलाफ भी पारी की बढ़त प्राप्त कर ली है और अपने ग्रुप में वह सर्वोच्च स्थान पर काबिज है।
समीर रिजवी और चिकारा ने द्वितीय पारी में डबल सेंचुरी लगाकर चयन कर्ताओं को यह बता दिया है कि वह ऊंचे स्तर के खिलाड़ी है।
इन दोनों खिलाड़ियों को T20 व एकदिवसीय प्रतियोगिताओं में हमेशा मौका दिया जाना चाहिए।
यह भविष्य के खिलाड़ी है और इनका अच्छे से तराशा जाने की आवश्यकता है।
दुर्भाग्यवश उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम सेमी फाइनल में हार गई थी लेकिन अंडर 16 और अंडर 23 की टीम बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है ।
उत्तर प्रदेश के आकाओं को यह सुनिश्चित करना होगा विचार करना होगा कि क्यों नहीं प्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन कर रही है ।उनको इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि बाहरी खिलाड़ियों को खिलाकर व बाहरी कोचों की नियुक्ति करके प्रदेश की टीम ने कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
यह बाहरी खिलाड़ी व कोच केवल अपने प्रदर्शन का ख्याल रखते हैं और उनको टीम की जीत हार से कोई मतलब नहीं है । उन्हें तो बस पैसे से मतलब है।
अब समय आ गया है की उत्तर प्रदेश की टीम में ना तो बाहरी खिलाड़ी लिए जाएं और ना ही बाहरी कोचों को लिया जाए यह तय है कि जिस दिन उत्तर प्रदेश के अपने खिलाड़ी खेलने लगेंगे और भूतपूर्व प्रदेश के खिलाड़ियों की नियुक्ति कोच व अन्य पदों के लिए की जाएगी उसे दिन प्रदेश की टीम का स्टार बहुत ऊंचा हो जाएगा और राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश के खिलाड़ियों की चमक दिखाई देने लगेगी।