न्यूज डेस्क
यूपी के बुलंदशहर में सोमवार देर रात हुई साधुओं की हत्या पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। इसी घटना को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और कड़ा एक्शन लेने की अपील की।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के पालघर में जब दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या हुई थी, तब योगी आदित्यनाथ ने उद्धव ठाकरे को फोन कर घटना पर चिंता व्यक्त की थी और दोषियों के खिलाफ कड़े एक्शन की अपील की थी।
मंगलवार को उद्धव ठाकरे ने जब योगी आदित्यनाथ को फोन किया, तब उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हमें साथ मिलकर ऐसे मामलों में कड़ा एक्शन लेना चाहिए और राजनीति को इससे दूर रखना चाहिए। उद्धव की ओर से कहा गया कि जिस तरह हमने पालघर मामले के बाद कड़ा एक्शन लिया, आप भी उसी तरह कड़ा एक्शन लें।
बुलंदशहर के मंदिर में दो साधु-संतों की हत्या मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की। उन्होंने साधुओं की हत्या को लेकर चिंता व्यक्त की। ऐसी अमानवीय घटना घटती है तब राजनीति न करके हमें एक साथ काम करते हुए अपराधियों को दंडित करवाना चाहिए :उद्धव ठाकरे
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 28, 2020
उद्धव ठाकरे के अलावा शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग करते हुए कहा कि बुलंदशहर में साधुओं की हत्या के मामले को धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए।
वहीं यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस हत्याकांड को लेकर योगी सरकार सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यूप के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है।
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है। इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए।
दरअसल, बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के पगोना गांव में एक शिव मंदिर है। शिव मंदिर में रहने वाले 55 वर्षीय साधु जगनदास और 35 वर्षीय साधु सेवादास की सोमवार रात हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले।
बताया जा रहा है कि हत्या की इस वारदात को जब अंजाम दिया गया उस वक्त दोनों साधु सो रहे थे। गांववालों ने आरोपी को पकड़ लिया। इस सूचना के बाद पूरे इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बुलन्दशहर के डीएम और एसएसपी को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने दोनों साधुओं की हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को नशा करने वाला बताया जा रहा है। वहीं, शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने हत्या का कारण भी बताया है।
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020
बुलंदशहर के SSP संतोष कुमार सिंह ने घटना पर जानकारी देते हुये बताया, ‘आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि कुछ दिन पहले आरोपी ने साधुओं का चिमटा उठा लिया था, जिसे लेकर साधुओं ने उसे डांट फटकार लगा दी थी। इसके बाद आरोपी ने आज दोनों साधुओं की हत्या कर दी।’
दूसरी ओर साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषध ने कड़े शब्दों में इस हत्याकांड निन्दा की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने साधुओं की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए योगी सरकार से इस जघन्य हत्याकांड के जल्द खुलासे और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे जाने की मांग की है।
महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि चिमटा चोरी के आरोप में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है और पूछताछ कर रही है, लेकिन घटना की पूरी सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए।
उधर अयोध्या के संत समाज ने बुलंदशहर की घटना पर काफी आक्रोश व्यक्त किया है। संत समाज का कहना है कि वर्ग विशेष के लोग भगवाधारियों को टारगेट कर उनकी हत्या कर रहे हैं। ये बेहद निंदनीय है। संतों ने मांग की है कि केंद्र और प्रदेश सरकार दोषियों को चिन्हित कर उनके ऊपर कठोर कार्रवाई करें, फांसी की सजा दें। यही नहीं संतो ने ये भी ऐलान किया है कि लॉकडाउन क बाद महाराष्ट्र और बुलंदशहर की घटना की वो खुद जांच करेंगे।