जुबिली न्यूज डेस्क
पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर बरप रहा है। हर दिन लाखों में कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं तो वहीं इससे हर दिन हजारों लोगों की इससे मौत हो रही है।
भारत में कोरोना किस कदर तबाही मचाये हुए है उसको समझना है तो श्मसान और कब्रिस्तान जाकर देखिए। श्मसान और कब्रिस्तान में जगह नहीं है। लोगों को कई-कई घंटों तक अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कई शहरों में तो लाशों की संख्या देखते हुए नये श्मसान बनाये गए हैं।
अब तो आलम यह है कि कोरोना से हो रही कई मौतों का तो रिकॉर्ड तक नहीं रखा जा रहा। इस बीच मृतकों के परिजन उनका ठीक से अंतिम संस्कार करने के बजाय अब शवों को जैसे-तैसे ठिकाने लगाने में लग गए हैं।
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एक दिन पहले ही बिहार के बक्सर के अलावा कुछ अन्य जिलों में गंगा नदी में कुछ शव उतराते दिखे। आशंका जताई गई कि यह कोरोना मरीजों के शव हैं, जो कि उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार में पहुंचे हैं।
लेकिन इन दावों को लेकर बिहार और यूपी की सरकारों के बीच ठन गई है। अधिकारी इनकी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपने में जुटे हैं।
कैसे शुरु हुआ विवाद
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बिहार के बक्सर जिले के चौसा के समीप नदी में सोमवार को संदिग्ध कोरोना संक्रमितों का शव बहते हुए पाए गए थे।
चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया था कि स्थानीय चौकीदार द्वारा इस बारे में सूचित किए जाने पर हमने अब तक कई शव बरामद किए हैं। मृतक में से कोई भी बक्सर जिला के निवासी नहीं हैं।
अधिकारी ने कहा कि उस पार उत्तर प्रदेश के कई जिले नदी के किनारे स्थित हैं। इसलिए हो सकता है कि वहां शवों को गंगा में बहा दिया गया जो हमें नहीं पता।
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अधिकारी के इस बयान के बाद मंगलवार को बिहार सरकार ने कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अब तक कुल 73 शव निकाले गए हैं। इनके कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के शव होने की आशंका जताते हुए यह संभावना जतायी जा रही है कि संभवत: अंतिम संस्कार नहीं करके उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया होगा।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने अपने ट्वीट में बक्सर जिले में इन शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार आए हैं।
मंत्री झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को इतनी संख्या में शव बरामद होने और नदी में उन्हें प्रवाहित किए जाने से तकलीफ पहुंची है क्योंकि वह गंगा नदी की स्वच्छता और निर्बाध प्रवाह को लेकर हमेशा चिंतित रहे हैं और उन्होंने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्ति बढाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो।
वहीं इस मामले में बिहार से भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिगरीवाल ने भी आरोप लगाया कि एंबुलेंस बिहार के सारन में स्थित जयप्रभा सेतु पर शव बहा रहे हैं। यह जगह यूपी क बलिया से सटी हुई है।
यूपी के अफसरों ने किया पलटवार
बिहार के अफसरों के इन दावों पर उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह शव बिहार में मिले हैं। इसलिए यह बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच करे और जरूरी कार्रवाई करे। इसका दोष यूपी को देना गलत है।”
प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी सरकार पहले ही लोगों को जल समाधि जैसे कदम उठाने से रोकने का आदेश जारी कर चुकी है।
गंगा में मिले शव को लेकर यूपी और बिहार के बीच बढ़ते टकराव पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बीच में आना पड़ा।
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उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री- योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार को अपने ट्वीट में टैग करते हुए कहा, “बिहार के बक्सर क्षेत्र में मां गंगा में तैरते मिले शवों की घटना दुर्भाग्यजनक है। यह निश्चित ही पड़ताल का विषय है। मां गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। यह घटना अनपेक्षित है। संबंधित राज्य इस संदर्भ में तुरंत संज्ञान लें।”