जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में दरिंदों की शिकार हुई एक और बेटी आज जिदंगी की जंग हार गई।
बुलंदशहर की 15 साल की कथित बलात्कार पीड़ित नाबालिग दलित लड़की की मंगलवार को दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा आरोप है कि बलात्कार के आरोपियों ने लड़की को जिंदा जला दिया था, जिसके बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि एक स्थानीय शख्स ने लड़की का सबसे पहले कथित तौर पर बलात्कार किया था। जब पीड़ित परिवार ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करा दिया तो आरोपियों ने परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था।
परिवार द्वारा दायर की गई एफआईआर में कहा गया है कि सात लोग उनके घर में घुसे और पीडि़त लड़की पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
अस्पताल से पीड़ित लड़की का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसे कहते हुए सुना जा सकता है, ‘जो लोग उसे जलाने आए थे, इन्हीं लोगों के खिलाफ पहले भी छेड़छाड़ का मामला चल रहा है।’
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वहीं पीड़िता के परिजनों का कहना है कि जिन लोगों ने लड़की को आग लगाई, वे उस आरोपी के संबंधी और जान-पहचान वाले हैं, जो जेल में बंद है। पीड़िता के पिता पेशे से मजदूर हैं।
पीड़िता के चाचा ने कहा कि ‘हमें धमकाया गया कि हम बलात्कार की शिकायत वापस ले लें। सोमवार को रात 8:30 बजे मुझे अनजान शख्स का फोन आया, उन्होंने धमकाया कि हम शिकायत वापस ले लें या फिर खामियाजा भुगतने को तैयार रहें। मंगलवार को सुबह 9:30 बजे जब लड़की के माता-पिता घर पर नहीं थे, फिर हमें बताया गया कि लड़की को आग लग गई है।’
लड़की के परिवार का कहना है कि आग लगने के बाद हम उसे पास के अस्पताल ले गए, जिसके बाद उसे बुलंदशहर रेफर कर दिया गया। वहां से हमें दिल्ली के आरएमएल जाने को कहा गया। डॉक्टरों ने पंद्रह से बीस मिनट तक इलाज करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
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इस मामले में बुलदंशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि ‘अगस्त में एक शख्स ने लड़की का बलात्कार किया था। एस शख्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी फिलहाल जेल में है। मंगलवार (17 नवंबर) को हमें खबर मिली की संदिग्ध परिस्थितियों में वही लड़की झुलस गई। सुबह 11 बजे तक ऐसा लगा कि उसने आत्महत्या कर ली, लेकिन परिवार की शिकायत के आधार पर सात लोगों ने लड़की को आग लगाई है।’
उन्होंने कहा कि सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और तीन को अभी तक गिरफ्तार किया गया है। पुलिस दोनों घटनाओं के बीच संबंधों की जांच कर रही है।
एफआईआर में संजय, बनवारी, बदन सिंह, वीर सिंह, जसवंत सिंह, गौतम और काजल के नाम हैं।
आईपीसी की धारा 307, 147, 506, 452 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पीडि़ता की मौत के बाद एफआईआर में हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है।
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