जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के चार साल पूरे हो गए है। ऐसे में सरकार अपनी उपलब्धियों को गिना रही है। योगी सरकार दावा कर रही है कि उसने इन चार सालों में सूबे में अच्छा विकास कराया है। इतना ही नहीं चार साल पूरे होने पर योगी सरकार ने ‘डेवलपमेंट बुकलेटÓ जारी की है।
इस ‘डेवलपमेंट बुकलेट’ के सहारे सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनाने में जुट गई है। हालांकि यूपी में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। इसलिए सरकार अभी से इसकी तैयारी में लगती नजर आ रही है।
दूसरी ओर महिला सुरक्षा को लेकर ‘डेवलपमेंट बुकलेट’ में योगी सरकार ने कई तरह के दावे जरूर किये हैं लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के इन दावों से उलट नजर आ रहे हैं।
2018 और 2019 में महिला अपराध को लेकर क्या रहा
एनसीआरबी के अगर आंकड़ों पर गौर करे तो यूपी को लेकर उसके आंकड़े बेहद चौंकाने वाले नजर आ रहे हैं। इन आंकड़ों की माने तो साल 2018 और 2019 में महिला अपराध के मामले में यूपी साबसे आगे नजर आया। 2018 में 59,445 और 2019 59,853 मामले सामने आया है।
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एनसीआरबी की माने तो महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 2016 से 2019 तक 20 की वृद्धि हुई है। यूपी में साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 56,011 मामले सामने आये थे । 2018 में इसमे और इजाफा हुआ 59,445 तक जा पंहुचा ।
यही नहीं अगले साल इसमें और बढ़ौतरी देखने को मिली और यही आंकड़ा 59,853 तक जा पहुंचा। दरअसल 2015 में 35,908 मामले दर्ज किये गए थे। उस हिसाब में इसमें काफी इजाफा देखने को मिला है। 2016 में 49,262 जबकि 2018 राज्य 15.7 प्रतिशत मामलों के साथ यूपी टॉप पर जा पहुंचा।
- दहेज हत्या के 2444
- घरेलू हिंसा के 14233
- अपहरण 15,381
2018 की बात की जाये तो 1411 नाबालिगों सहित 4, 322 पीड़ितों के साथ 3,946 रेप के मामले सामने आए है। इससे पहले 2017 में राज्य ने 4,246 बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट की। जिसमें लगभग 1,560 मामलों में पीडि़ता नाबालिग थी।। 2018 के दौरान POCSO के तहत 5,401 मामले दर्ज किए गए।
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2018 की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य पुलिस के पास हर दो घंटे में बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले सामने आए, जिसमें लगभग 12 हर दिन दर्ज किए गए।
बात अगर साल 2018 की जाये तो यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59,445 मामला दर्ज किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि हर दिन 162 मामले सामने आये हैं। इसके आलावा 2017 में 56,011 मामला दर्ज किया गया है। इसके जाहिर होता है कि हर दिन 153 मामले दर्ज किए गए।
2017 में 139 बच्चियों के साथ बलात्कार किया गया जबकि 2018 में ये संख्या 144 रही। हृष्टक्रक्च की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में 2,736 मामलों के साथ अपराध के मामले में लखनऊ 19 शहरों में शीर्ष पर है।
उत्तर प्रदेश में 2018 में दहेज हत्याएं के 2,444 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2017 में ये संख्या 2,524 थी।एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘उत्तर प्रदेश में बलात्कार के मामले 3,946 हैं, न कि 4,322। 2017 के मुकाबले 2018 में बलात्कार के मामलों में वास्तव में 7 प्रतिशत की कमी आई है।