जुबिली न्यूज़ डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में असंगठित श्रमिको के लिए काफी लाभ देने की घोषणा की है। पर उत्तर प्रदेश के असंगठित लेबर इस राहत पैकेज के द्वारा दिये जाने वाले लाभ से वंचित रह जाएंगे।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेल भेज कर आग्रह किया है कि शीघ्र उत्तर प्रदेश में असंगठित श्रमिक सामाजिक सिक्युरिटी एक्ट 2008 लागू कराया जाए जिसे देश के अन्य श्रमिको के साथ साथ उत्तर प्रदेश के असंगठित श्रमिक लाभान्वित हो सके।
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उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में देश के 41 करोड़ असंगठित श्रमिको के लाभार्थ असंगठित लेबर सिक्योरिटी एक्ट 2008 बनाया था। 12 साल गुजर जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एक्ट को लागू नही किया गया है। 2008 में बने एक्ट को लागू किये जाने के लिए नियमावली समाजवादी सरकार ने 2016 में बनवाई जाना प्रारम्भ की थी जो वर्ष 2020 में अभी तक नही बन पाई है।
अगर उत्तर प्रदेश सरकार ने 2008 के एक्ट को लागू कर दिया होता तो उत्तर प्रदेश के लगभग 7 करोड़ से ज्यादा असंगठित श्रमिक जिसमे हॉकर, कुली, बीड़ी श्रीमिक, ठेले वाले, घरेलू कर्मकार, फुटपाथ व्यापारी, गेरेज कर्मकार, टैक्सी वा ऑटो चालक, किसान मजदूर, दुकानों पर काम करने वाले, धोबी, माली, दर्जी, मोची, सब्जी वाले, चाय वा चाट ठेला वाले, बुनकर आदि 47 वर्ग के श्रमिक शामिल है लाभान्वित होने लगते एवं कोरोना वायरस के कारण किये गए लॉक डाउन के चलते फाके को मजबूर नही हुए होते एवं कर्जदार नही बनते।
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जिस- जिस प्रदेश में यह एक्ट लागू है उन सभी प्रदेशो में असंगठित श्रमिको को उनके खातों मे रु. एवं राशन फ्री मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड क्षेत्र में लगभग 60 लाख के ऊपर असंगठित श्रमिक है जो बदहाली के कगार पर खड़ा है।
भानू सहाय ने कहा कि एक्ट शीघ्र लागू नही होने की दशा में लॉक डाउन खुलते ही उच्च न्यायालय में जन हित याचिका लागू की जाएगी।
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